Thursday , June 1 2023

यूपी में अब दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के आरोपितों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत, यूपी विधानसभा में विधेयक पेश

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब दुष्कर्म व पॉक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के आरोपितों को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी। ऐसी दशा में वह साक्ष्यों व गवाहों को भी प्रभावित नहीं कर पाएंगे। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिला हितों की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गुरुवार को विधानसभा में दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया। माना जा रहा है कि शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक पारित हो जाएगा। साथ ही इसे विधान परिषद में भी पेश किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण के लिए चलाये जा रहे मिशन शक्ति जैसे प्रयासों के परिणामों का ब्यौरा भी रखा। साथ ही महिला एवं बाल अपराध से जुड़े मामलों में आई बड़ी गिरावट और बेहतर हुए माहौल का भी जिक्र किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एनसीआरबी के आंकड़ों जिक्र करते हुए कहा कि महिला एवं बाल अपराध के मामलों में प्रभावी अभियोजन से 32 मामलों में अपराधियों को मौत की सजा दिलाई गई है। 10 वर्ष से अधिक सजा पाने वाले 1191 हैं, जबकि 1431 को अर्थदंड देना पड़ा और 1323 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा हुई।

अभी इन मामलों में अग्रिन जमानत पर है रोक
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के मुताबिक, वर्तमान में उन मामलों में अग्रिम जमानत पर रोक है, जिनमें फांसी की सजा है। विधेयक के तहत अग्रिम जमानत के उपबंध के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 438 को संशोधित किया जाना प्रस्तावित है।