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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में राशन कार्डधारकों से वसूली को लेकर चल रही खबरों से लोगों के बीच अफरा-तफरी मची है। रिकवरी के डर से बड़ी संख्या में लोग अपना राशन कार्ड निरस्त करवा रहे हैं। इस बीच यूपी सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में राशन कार्ड को लेकर सोशल मीडिया व तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहीं खबरें भ्रामक हैं। शासन की ओर से राशन कार्ड सरेंडर करने या उसके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा कि पात्र गृहस्थी राशन कार्डों की पात्रता/अपात्रता के बारे में कोई नया शासनादेश जारी नहीं किया है। इस संबंध में 07 अक्टूबर 2014 के ही निर्धारित मानक मान्य हैं। तबसे इनमें न तो कई बदलाव किया गया है और न ही नई शर्तें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने बताया कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है।
खाद्य आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 व प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्ड धारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था ही निर्धारित नहीं की गई है। इसलिए रिकवरी के लिए प्रसारित की जा रहीं खबरें पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकारी योजना के तहत आवंटित पक्का मकान, बिजली कनेक्शन, शस्त्र लाइसेंस धारक, बाइक मालिक, मुर्गी पालन, गोपालन और ट्रैक्टर-ट्रॉली का स्वामी होने के आधार पर किसी राशन कार्ड धारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है। खाद्य आयुक्त के मुताबिक, विभाग हमेशा कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के आधार पर नए राशन कार्ड जारी करता है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.23 लाख नये राशन कार्ड जारी किये जा चुके हैं।