
लखनऊ. UP electricity workers strike. यूपी में बिजली संगठनों की हड़ताल जारी है। गुरुवार 16 मार्च को रात 10 बजे 72 घंटे की हड़ताल में यूपी के एक लाख से अधिक कर्मचारी शामिल हुए हैं। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, नाइट शिफ्ट के कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर हड़ताल पर चले गए हैं और उन्होंने अनपरा, ओबरा, पारीछा और हरदुआगंज में थर्मल पावर प्लांट में काम करने से इनकार कर दिया है। बीते साल 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार और बिजली विभाग के कर्मचारियों के बीच कुछ बिंदुओं पर समझौता हुआ, लेकिन उनमें से कई बदलाव अधूरे रह गए। इनमें से वे निम्न हैं-
- विद्युत क्षेत्र कर्मचारी संरक्षण अधिनियम का क्रियान्वयन
- ट्रांसमिशन के लिए विद्युत उपकेन्द्रों के संचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को रोकना
- विभिन्न निगमों के लिए समान मानदेय
- भत्तों का पुनरीक्षण
- वेतन विसंगतियों को दूर करना
- विद्युत कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का चयन स्थानान्तरण के आधार पर नहीं बल्कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से हो
समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे के अनुसार, संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की “हठ” के कारण कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हड़ताल पर जाने वालों में इंजीनियर, कनिष्ठ अभियंता, तकनीशियन, परिचालन कर्मचारी और लिपिकीय एवं संविदा कर्मचारी शामिल हैं।
ऊर्जा मंत्री सख्त-
वहीं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को इस मामले में कहा कि बातचीत के रास्ते खुले हैं लेकिन जनता को जानबूझकर कर परेशान करने वाले तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। बिजली आपूर्ति को बाधित करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। उनकी सेवाएं भी समाप्त की जाएंगी। इसके लिए सभी जिलों के डीएम का सहयोग लिया जा रहा है। वहीं नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में बृहस्पतिवार रात 11 बजे के बाद सिस्टम ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई होगी।