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पूर्वांचल तय करेगा छोटे दलों का भविष्य, सातवें चरण से ही तय होगा लखनऊ की सत्ता तक का रास्ता

लखनऊ. UP Elections 7th Phase Voting- यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण का मतदान खत्म हो गया है। अंतिम चरण में पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र सहित 09 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई। चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएगा। 2017 के विधान सभा चुनाव में सातवें चरण की 54 में से 29 सीटें बीजेपी को और अपना दल (एस) को 04 और सुभासपा को 03 सीटें मिली थीं। वहीं, सपा को 11, बसपा को 06 और निषाद पार्टी को 01 सीट मिली थी। लेकिन, इस बार ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा बीजेपी नहीं बल्कि सपा के साथ है जबकि निषाद पार्टी का भाजपा से गठबंधन है।

बीजेपी और सपा के साथ-साथ उनके सहयोगी दलों की परीक्षा भी इसी चरण में होगी। आजमगढ़ और जौनपुर जिले को सपा का गढ़ माना जाते हैं तो मऊ और गाजीपुर में उसके सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के प्रमुख संजय चौहान का असर है वहीं, बाकी जिलों में बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) व निषाद पार्टी का प्रभाव माना जाता है। सभी की नजर छोटे दलों के प्रदर्शन पर है। इस चुनाव में छोटे दलों का प्रदर्शन न केवल बड़ी पार्टियों को मजबूती प्रदान करेगा बल्कि उनका भी राजनीतिक भविष्य तय करेगा। अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस के दिग्गजों ने जमकर चुनाव प्रचार किया।

योगी सरकार के सात मंत्री चुनाव मैदान में
सातवें चरण में ही योगी सरकार के 07 मंत्री चुनाव मैदान में हैं। इनमें एक कैबिनेट, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार राज्य मंत्री हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से फिर किस्मत आजमा रहे हैं। स्टांप एवं निबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तर, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी वाराणसी दक्षिण, आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश यादव जौनपुर, ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मीरजापुर की मड़िहान सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य मंत्री संगीता बलवंत गाजीपुर में सदर तथा संजीव गोंड सोनभद्र के ओबरा से मैदान में हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान विधान सभा चुनाव की घोषणा के बाद मंत्री पद से त्यागपत्र देकर भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। वह मऊ की घोसी सीट से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं।

दबंगों का असर परखेगा सातवां चरण
पूर्वांचल ही नहीं बल्कि समूची यूपी के लोगों की निगाह टिकी है पूर्वांचल के उन बाहुबली और दबंग नेताओं पर, जिनकी तूती पिछले कई विधानसभा चुनाव से बोल रही है। वो क्षेत्र में खुद उतरें या नहीं, पर उनका प्रभाव वैसे ही काम करता है। इसमें से कुछ तो इस बार भी जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत बेटों को या तो सौंप दी है या बेटे ने खुद हासिल कर ली है। बाहुबली मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं। मऊ विधानसभा सीट से वह अब तक के अजेय विधायक हैं, लेकिन इस बार उन्होंने राजनीतिक विरासत अपने बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है। अब्बास सुभासपा के टिकट पर सपा गठबंधन के प्रत्याशी हैं। वहीं, मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे मन्नू अंसारी सपा के टिकट पर गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उधर, केंद्रीय कारागार वाराणसी में बंद बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह चंदौली की सैयदराजा सीट से मैदान में हैं। भदोही जिले की ज्ञानपुर से बाहुबली विजय मिश्र चुनाव मैदान में हैं जो आगरा जेल से चुनाव लड़ रहे हैं। जदयू के टिकट पर बाहुबली धनंजय सिंह जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट से पूर्व सांसद रमाकांत यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। रमाकांत की छवि भी दबंग नेता की है। सपा को उनसे काफी उम्मीदें हैं। वहीं, वाराणसी की पिंडरा विधानसभा सीट से दबंग छवि वाले अजय राय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।