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UP elections 2022: Congress candidates list में पंखुड़ी पाठक, लुईस खुर्शीद, उन्नाव रेप पीड़िता की मां शामिल, देखें 125 उम्मीदवारों की सूची

लखनऊ. UP Elections 2022 Congress candidates list. यूपी चुनाव के लिए कांग्रेस ने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी हैं। कांग्रेस ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के अपने नारे पर अमल करते हुए 50 महिलाओं को भी टिकट दिया है। इनमें समाजवादी पार्टी (samajwadi party) में रह चुकीं पंखुड़ी पाठक (pankhuri pathak), सलमान खुर्शीद (Salman Khurhid) की पत्नी लुईस खुर्शीद (Louise Khurshid), उन्नाव रेप (Unnao rape case) पीड़िता की मां का नाम शामिल है। इसके अतिरिक्त एनआरसी-सीएए (CAA-NRC) के खिलाफ आंदोलन में शामिल रहीं सदफ जाफर, आशा वर्कर पूनम पांड (Poonam Pandey)को भी प्रत्याशी बनाया गया है। साथ ही अभिनेत्री अर्चना गौतम (Archana Gautam ) को भी टिकट दिया गया है। प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि हमारे प्रत्याशी नया विकल्प देने वाले, संघर्ष करने वाले, उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाले, उत्तरप्रदेश की जीत सुनिश्चित करने वाले प्रत्याशी हैं। यूपी में नई राजनीति की शुरुआत है। प्रियंका ने कुछ प्रत्याशियों के संघर्ष की कहनी भी बताई, जो निम्न हैं-

आशा सिंह- उन्नाव के माखी गांव का रेप कांड देश में चर्चा का विषय रहा था। क्योंकि इसमें भाजापा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम शामिल था। पीड़िता की मां आशा सिंह ने सत्ताधारी भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी। इस दौरान उनके पति की हत्या तक कर दी गई थी।

रितु सिंह- लखीमपुर में ब्लॉक प्रमुख चुनाव में रितु सिहं बदसलूकी का शिकार हुई थीं। उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया था साथ ही उनके कपड़े भी फाड़ने की कोशिश की गई थी। रितु सिंह को खीरी से टिकट दिया है।

रामराज गोंड- उम्भा में दबंगों ने आदिवासियों का नरसंहार किया था।प्रियंका गांधी का कहना है कि गोंड आदिवासियों के संघर्ष की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे।

पूनम पांडेय- आशा बहनें कोरोना के समय उत्तरप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर जमकर ड्यूटी दी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये सब जब मुख्यमंत्री की शाहजहाँपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की माँग को लेकर पहुँची, तो उन्हें पीटा गया। पीड़िताओं में पूनम पांडेय भी शामिल थीं। पूनम पांडेय न्याय की वो आवाज़ हैं जिन्होंने सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी।अब वह पूरे प्रदेश की आशा बहनों की आवाज हैं।

सदफ जफ़र- नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ पर झूठे मुक़दमे लगाए गए। पुलिस ने उन्हें पीटा उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया। लेकिन सदफ सच्चाई के साथ डटी रहीं।

अल्पना निषाद- नदियाँ निषादों की जीवनरेखा हैं। नदियों और उनके संसाधन पर निषादों का हक़ होता है। बसवार, प्रयागराज में बड़े खनन मफ़ियाओं के दबाव के चलते निषादों को नदियों से बालू निकालने के लिए भाजपा सरकार की पुलिस ने पीटा। निषादों की नावें जलाई गईं। अल्पना निषाद निषादों के हक़ों के संघर्ष की आवाज़ बनीं।