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Unnao: पुलिसवाले के ट्रांसफर रोते हुए बच्चों का वीडियो वायरल, जीआरपी ने बताया- अब इन 125 बच्चों का क्या होगा?

उन्नाव. अक्सर आपने ऐसे तमाम वायरल वीडियो देखे होंगे, जिनमें बच्चे अपने टीचर को भावुक फेयरवेल दे रहे हैं। पर, शायद ही ऐसा कहीं देखा हो जब बच्चे किसी पुलिसवाले के ट्रांसफर पर बिलख-बिलखकर रोये हों। ऐसा हुआ है उन्नाव जिले में जहां जीआरपी में तैनात हेड कांस्टेबल रोहित यादव का तबादला हुआ तो विदाई के समय एक-दो नहीं 125 बच्चे सुबक-सुबक कर खूब रोये। एक बच्ची सिपाही से चिपटकर रोते हुए बोली- भइया आप हमें छोड़कर मत जाइये। तो कोई बच्चा कह रहा था- आप चले जाओगे तो हमारा क्या होगा? सिपाही की विदाई भावुक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ तो देखने वाले भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।

रेलवे पुलिस में हेड कांस्टेबल रोहित यादव ने गरीब बच्चों के लिए ‘हर हाथ में कलम पाठशाला’ शुरू की है, जिसमें वह ड्यूटी के बाद करीब 125 बच्चों को पढ़ाते हैं। ऐसा वह अपनी ज्वॉइनिंग के समय यानी सितंबर 2018 से ही कर रहे हैं। पाठशाला में आने वाले बच्चों की कॉपी-किताबों और कपड़ों पर वह अपनी सैलरी से 8000 रुपए प्रति महीना खर्च करते हैं। रोहित यादव के इस नेक काम में मदद के लिए तत्कालीन डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद ने पाठशाला संचालन के लिए काकोरी का पंचायत भवन दे दिया। फिर प्रदीप कुमार, रंजीत सोनू, पूजा देवी और बसंत भी पाठशाला के बच्चों को पढ़ाने लगे। 16 जुलाई को उन्हें झांसी ट्रांसफर का लेटर मिला। 21 अगस्त को झांसी जाने से पहले वह बच्चों से मिलने पहुंचे, जहां बच्चे उन्हें जाने नहीं देना चाहते थे।

पिता को देखकर रोहित हुए प्रेरित
इटावा जिले के मूल निवासी 38 वर्षीय रोहित यादव बताते हैं कि मैं अक्सर काकोरी स्टेशन पर गरीब परिवार के बच्चों को बीख मांगते देखता था। उन्हें देखकर बड़ा दुख होता था। गार्जियन्स से बात की तो वह बच्चों को पढ़ाने के लिए मान गये। वह कहते हैं कि जब भी उन्हें वक्त मिलेगा, वहां पाठशाला में बच्चों से मिलने आते रहेंगे। फिलहाल, झांसी में ऐसी पाठशाला खोलने का उनका कोई विचार नहीं है। रोहित कहते हैं कि वह अपने पिता से प्रेरित हैं जो रिटायरमेंट के बाद अपने गांव मुड़ैना में बच्चों को पढ़ाते हैं।

एसएचओ ने कहा- रोहित हम सबके रोल मॉडल
उन्नाव के जीआरपी थाने के एसएचओ राज बहादुर ने कहा कि रोहित सच में बेहतर इंसान है। मैंने कभी ऐसे पुलिसवाले को नहीं देखा जो गरीब बच्चों की शिक्षा के प्रति इस कदर समर्पित हो। वह बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपनी ड्यूटी भी पूरी मुस्तैदी से करते थे। रोहित हम सबके लिए रोल मॉडल हैं।

बच्चों का पढ़ाने का इंतजाम करेगा जीआरपी
रोहित यादव के ट्रांसफर के बाद 125 बच्चों का क्या होगा? रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रेगुलर बेसिस पर इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 4-5 कांस्टेबल की व्यवस्था की जाएगी। रोहित की तारीफ करते हुए जीआरपी के एसपी मोहम्मद मुस्ताक ने कहा कि इंटरव्यू के जरिए ऐसे कांस्टेबल का सिलेक्शन किया जाएगा जो ड्यूटी के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाने में इंट्रेस्टेड होंगे। जीआरपी की तरफ से बच्चों का बेहतर जीवन बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।