Saturday , June 3 2023

UP Politics: यूपी में छिड़ा ट्विटर वार, केशव मौर्य, अखिलेश यादव और मायावती ने एक-दूसरे पर साधा निशाना

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इन दिनों राजनीतिक दलों के बीच ट्विटर वार छिड़ा हुआ है। शनिवार को एक के बाद एक ट्वीट से उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान और चढ़ गया। इस जंग की शुरुआत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट से शुरू हुई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उपमुख्यमंत्री को घेरते हुए तीखा पलटवार किया। थोड़ी ही देर बाद बसपा प्रमुख मायावती भी इस बहस में कूद पड़ीं और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सत्ता के लिए बेचैन अखिलेश यादव की पार्टी सपा का लोकसभा चुनाव 2024 में खाता भी नहीं खुलेगा, यूपी और देश में मोदी लहर पहले से तेज! इसके बाद तो अखिलेश यादव ने जैसे केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया। उन्होंने डिप्टी सीएम की हंसती हुई एक तस्वीर की और लिखा, “आप इतना जो मुस्कुरा रहे हो, आपके मंत्रालय में बजट की कटौती हो गयी… आपके मंत्रालय के विभागों में पैसा नहीं पहुंचा…टेंडर न हो पाया… क्या ये सब राज छिपा रहे हो… आप इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो?

अखिलेश यादव ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, “24 के चुनाव में अपने खिलाफ जनता के आक्रोश व जनहित में काम करने वाले दलों की एकजुटता देखकर, भाजपा बौखला गयी है। इसीलिए अपने लाउडस्पीकर दलों से अनाप-शनाप बातें कहलवा रही है। इन लाउडस्पीकरों का माइक कहीं और है। जनता को धोखा देनेवाली भाजपा और उसके नालबद्ध दलों को जनता सबक सिखाएगी।”

सपा-भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत: मायावती
बसपा प्रमुख मायावती भी इस बहस में कूद पड़ीं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है। परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान तथा आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आम चर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो?” उन्होंने आगे लिखा- सपा की भाजपा के साथ अन्दरूनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहां वॉकओवर मिला हुआ है व सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है। इससे आमजनता व खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त व उनमें काफी बेचैनी।