
लखनऊ. श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक और विवादित बयान दिया है। शुक्रवार को ट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा, मेरी जीभ काटने वाले संतों-धर्माचार्यों को क्या महाशैतान कहा जाये? बीते दिनों आगरा में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के एक नेता ने मौर्या की जीभ काटने वाले को 51 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की थी। वहीं, कानपुर में संगठन में मौर्या का मुंह काला करने वाले को एक लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने ट्वीट करते हुए कहा कि अभी हाल ही में मेरे द्वारा दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने और सिर काटने वालों के लिए ईनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो ये धर्म के ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते किंतु अब इन संतों-महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष के लोगों को क्या कहा जाये? शैतान या जल्दाद।
पागल हो गये हैं स्वामी प्रसाद मौर्या: राममंदिर के मुख्य पुजारी
रामचरितमानस पर स्वामी की टिप्पणी का हिंदू-मुस्लिम सभी धर्मों के लोगों ने विरोध किया है। खुद समाजवादी पार्टी के कई नेताओं को उनकी टिप्पणी पर आपत्ति है। इस बीच अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या पागल हो गये हैं। पागल की जगह या तो जेल में होती है या फिर पागलखाने में। आचार्य ने कहाकि साधु-संत भगवान के भक्त हैं। उनके (स्वामी प्रसाद मौर्या) से आतंकवादी-जल्लाद नहीं हो जाएंगे। जिसकी जैसी मानसिकता होती है, साधुओं के प्रति वह वैसी ही व्यक्त करता है। उनकी खुद की मानसिकता जल्लाद, राक्षस और पिशाच की है। इसी भाव से प्रेरित होकर वह रामचरितमानस पर बोल रहे हैं।
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