Saturday , June 3 2023

यूपी में प्राथमिक शिक्षकों के लाखों पद रिक्त फिर भी भर्ती प्रक्रिया ठप्प: छात्र नेता विपिन राठौर

लखनऊ. छात्र नेता विपिन राठौर ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों के लाखों पद खाली हैं, लेकिन इन्हें भरने के लिए विभाग की ओर से कोई नई भर्ती पछले 4-5 सालों से नहीं आई है। यहां लाखों युवाओं को नई प्राइमरी शिक्षक भर्ती का इंतजार हैं। वो हर दिन सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अभियान चलाकर इसकी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिचके 4 सालों से प्राइमरी शिक्षकों की नई भर्ती निकाले जाने की मांग हो रही है। लाखों युवा सालों से नई भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में शिक्षकों के 2 लाख से अधिक पद खाली हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोई नई वैकेंसी नहीं निकाली है।

उन्होंने बताया कि संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, यूपी के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के 2,17,481 पद खाली हैं वहीं, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए RTI के जवाब का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं। ये आंकड़ा 2019-20 का है।

TET के लिए समय है, लेकिन शिक्षक भर्ती के लिए नहीं: छात्र नेता
विपिन राठौर ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले 4 सालों में कोई भर्ती नहीं निकाली है जबकि हर साल करीब 2 लाख प्रशिक्षु ट्रेनिंग लेकर तैयार हो रहे हैं। इसके अलावा हर साल TET भी हो रहा है। छात्रों का कहना है कि जब आपको वैकेंसी निकालनी ही नहीं है तो फिर ये सब क्यों? क्योंकि बिना भर्ती के इस सबका कोई मतलब ही नहीं है। आपके पास पात्रता परीक्षा कराने के लिए समय है लेकिन भर्ती कराने के लिए नहीं है।

“तय समय पर रिपोर्ट नहीं दे पाई योगी सरकार द्वारा गठित समिति”
विपिन राठौर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितम्बर में एक समिति बनाई थी। इस समिति को 15 दिन में उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा जुटाना था। अधिकारियों की कार्यकुशलता का आलम यह है कि अभी तक यह संख्या सामने नहीं आ पाई है।

यूपी के स्कूलों में है शिक्षकों का अभाव: विपिन राठौर
विपिन राठौर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है। प्रदेश में बहुत से स्कूल ऐसे है जहां 1 भी शिक्षक नहीं है, वहां स्कूलों में ताला लटका दिया गया है। बहुत से स्कूल शिक्षामित्रों के सहारे चल रहें हैं। एक शिक्षक या 1 शिक्षा मित्र बहुत से स्कूलों में 5-5 कक्षाओं को पढ़ा रहा हैं। कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं, जो शिक्षक विहीन हैं वहां रसोईया तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं।

बताया अभ्यर्थियों में क्यों है रोष?
छात्र नेता विपिन राठौर ने बताया कि अभी गोंडा का मामला सुर्खियों में रहा जहां 42 स्कूलों में 1 भी शिक्षक नहीं है जबकि 131 स्कूलों में सिर्फ 1 शिक्षक है। यह हाल सिर्फ 1 जिले का है और ऐसी स्थिति लगभग हर जिलों की है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती करने में आनाकानी कर रही है। जिसके कारण शिक्षक भर्ती की राह देख रहे अभ्यर्थियों में काफी रोष है।

छात्रों का भविष्य क्यों खराब कर रही है योगी सरकार: विपिन राठौर
छात्र नेता विपिन राठौर ने कहाकि 2021 में प्राथमिक विद्यालयों में 1.80 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया, शिक्षक भर्ती नहीं हुई तो इन्हें पढ़ायेगा कौन? शिक्षक भर्ती न होने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों की उम्र सीमा पार करने लगी है। आखिर सरकार शिक्षक अभ्यर्थियों और छात्रों का भविष्य क्यों खराब कर रही यह समझ से परे है।