
स्पोर्ट्स डेस्क. India vs South Africa 1st ODI- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्वर्गीय अटल बिहारी वाजयपेयी इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में गुरुवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के मध्य वनडे सीरीज का पहला मुकाबला खेला गया। आखिरी गेंद तक चले मुकाबले में भारत को 9 रनों से हार का सामना करना पड़ा। खराब फील्डिंग और टॉप ऑर्डर का फ्लॉप होना इस मैच में भारत की हार के प्रमुख कारणों में से एक रहा। क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में लंबे समय तक संजू सैमसन और श्रेयस अय्यर की अर्धशतकीय पारियां रहेंगी। मुश्किल समय में 65 गेंदों पर 74 रनों की पारी खेलने वाले हेनरिच क्लासें को प्लेयर ऑफ दि मैच के खिताब से नवाजा गया। भारतीय टीम 9 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका से दूसरा मुकाबला रांची में खेलेगी।
भारतीय कप्तान शिखर धवन ने टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका को पहले बैटिंग के लिए आमंत्रित किया। बारिश के कारण मैच 40-40 ओवर कर दिया गया। साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए निर्धारित 40 ओवरों में 249 रन बनाये। डेविड मिलर 75 और क्लासें ने 74 रनों की पारी खेली। इसके अलावा अफ्रीकी सलामी बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने 48 और जानेमन मलान ने 22 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से शार्दुल ठाकुर ने 2 जबकि कुलदीप यादव ने 1-1 विकेट लिया। डेब्यू मैच में रवि विश्नोई असरहीन नजर आये। उन्होंने एक विकेट जरूर लिया, लेकिन 8 ओवरों में 69 रन भी लुटा दिये। इस मैच में भारतीय फील्डिंग काफी खराब रही, नतीजन मिलर और क्लांसें के कई कैच छूटे।
51 रनों पर भारत ने गंवा दिये थे शुरुआती चार विकेट
250 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। भारत को पहला झटका 8 रन पर ही लग गया, जब शुभमन गिल 03 रन बनाकर चलते बने। कप्तान शिखर धवन भी 4 बन बनाकर आउट हो गये। ऋतुराज गायकवाड़ (19) और ईशान किशन (20) भी अपनी चमक नहीं बिखेर सके। नतीजन भारत ने 51 रनों पर ही अपने चार विकेट गवां दिये। लगा रहा था कि भारत मुश्किल से ही 100 का आंकड़ा छू पाएगा। लेकिन, इसके बाद आक्रमण की जिम्मेदारी श्रेयस अय्यर ने संभाली और संजू सैमसन शैली के विपरीत यानी काफी संभलकर खेलते नजर आये। श्रेयस अय्यर ने 37 गेंदों में 50 रनों की पारी खेली।
गेमचेंजर साबित हुआ 39वां ओवर
विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन बेहद इत्मीनान से बैटिंग कर रहे थे। हर मैच की तरह इस बार वह जल्दी में नहीं थे। भारत को जीत के लिए 12 गेंदों में 38 रनों की जरूरत थी। स्ट्राइक पर अवेश खान थे और गेंदबाजी कगिसो रबाडा कर रहे थे। पहले गेंद पर कोई रन नहीं आया, दूसरी बॉल भी खाली चली गई। तीसरी गेंद पर अवेश के बैट पर नहीं आई और कैच छूटते-छूटते बचा। लग रहा था कि सैमसन स्ट्राइक पर पहुंच जाएगे और अगली दो गेंदों को बाउंड्री के पार भेजने की कोशिश करेंगे। इसके बाद सिंगल लेकर स्ट्राइक अपने पास रखेंगे। लेकिन, तीसरी गेंद पर संजू ने 02 रन लेकर सबको चौंका दिया। नतीजन, स्ट्राइक फिर से आवेश खान के पास पहुंच गई। चौथी गेंद डॉट हुई। पांचवीं गेंद पर आवेश खान और आउट हो गये। छठी गेंद रवि विश्नोई ने खेली जो नो बॉल गई। नो बॉल पर रवि विश्नोई के बैट को छूती हुई गेंद थर्डमैन सीमा के बाहर चार रनों के लिए चली गई। ऐसे में भारत को आखिरी ओवर में जीत के लिए 31 रनों की जरूरत थी। अगर सैमसन स्ट्राइक पर होते तो निश्चित ही आखिरी ओवर के लिए रन कम बचे होते।
आखिरी ओवर में बने 22 रन
आखिरी ओवर भारत को जीतने के लिए 31 रन चाहिए थे। गेंद दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर तबरेज शम्सी के हाथों में और स्ट्राइक पर संजू सैमसन थे। पहली गेंद वाइड हुई। अगली गेंदों पर 6, 4, 4, 0, 4, 1 रन बने। भारत यह मुकाबला 8 रनों से हार गया। संजू सैमसन ने 63 गेंदों पर 86 रनों की नाबाद पारी खेली। क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि संजू सैमसन अगर 19वें ओवर की 3 गेंदें खेलते तो निश्चित ही परिणाम कुछ और ही होता।