
बाराबंकी. Flood in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरयू घाघरा नदी का आतंक जारी है। कभी नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ तो कभी जलस्तर कम होने पर नदी की कटान ने तराई के लोगों को परेशान कर रखा है। अब तक कटान में सैकड़ों बीघे फसल सरयू घाघरा नदी में समा चुकी है। तो कई घर भी नदी लील चुकी है। जबकि कई घर अभी भी नदी में समाने की कगार पर हैं। वहीं इसी बीच एक बार फिर नदी के बढ़ते जलस्तर ने यहां के लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के चलते नदी एक बार फुर उफान पर है।
फिर बढ़ रहा नदी का जसस्तर
दरअसल एक बार फिर सरयू घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी का जलस्तर इस समय खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर आ गया है। इससे रामनगर, सिरौगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील के तमाम गांव में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। उधर सरयू का जलस्तर बढ़ने के बाद तेलवारी गांव की कटान और तेज हो गई है। यहां किसानों की खेती योग्य काफी जमीन और दो घर नदी की धारा में समा गए। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि नदी का सबसे ज्यादा आतंक उनके गांव में है। नदी की धारा में गांव के मकान समाते जा रहे हैं। लेकिन बाढ़ खंड के अधिकारी केवल तमाशा देख रहे हैं। इनके द्वारा कटान रोकने को लेकर किए जा रहे प्रयास नाकाफी हैं।
बारिश ने भी किया परेशान
वहीं कई गांवों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोगों ने एक बार फिर पलायन शुरू कर दिया है। वहीं इस बाीच बारिश से तटबंधों पर रह रहे परिवारों की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ गई हैं। बारिश में लकड़ियां गीली हो जाने के कारण दो वक्त की रोटी का संकट भी खड़ा होने लगा है। वहीं तिरपाल और पन्नी के नीचे जीवन बिता रहे पीड़ितों की रातें रात भर जागकर कट रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तीन दिन से बारिश हो रही है। खाना बनाने की लकड़ी तक भीग गई है। हर तरफ पानी ही पानी है। सूखी लकड़ी न मिलने के कारण खाना बनाने में दिक्कतें आने लगी है।
बाढ़ पीड़ितों की हो रही यथासंभव मदद
वहीं बाढ़ के हालातों पर बाराबंकी अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह का कहना है कि नदी की कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड की ओर से कई टीमें लगाई गई हैं। बाढ़ पीड़ितों को यथासंभव मदद पहुंचाने का काम भी तहसीलों की टीमें कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की हर स्थिति में पूरी मदद की जाएगी। इश समय भी स्थिति पूरी तरह स नियंत्रण में है।