
दिल्ली. Runway 34 Review. फिल्म साल 2015 की दोहा-कोच्चि फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग की असल घटना से प्रेरित है। दुबई से कोच्चि को जाने वाली एक फ्लाइट है, जिसके कैप्टन हैं विक्रांत खन्ना (अजय देवगन) और उनकी को-पायलट है तान्या (रकुल प्रीत सिंह)। फ्लाइट उड़ान भरती है। सब कुछ ठीक चल रहा होता है, लेकिन जब ये फ्लाइट कोच्चि हवाई अड्डे पर पहुंचती है, तो मौसम बेहद खराब हो जाता है जिससे फ्लाइट को लैंड कराना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस वजह से कैप्टन विक्रांत उसे दूसरी जगह ले जाता है, लेकिन प्लेन में फ्यूल खत्म होने लगता है। ऐसे में उसे मे डे कॉल यानी बिना इजाजत इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ती है। सभी 150 यात्री बच जाते हैं। विक्रांत सभी के हीरो बन जाते हैं, लेकिन इसी वजह से वो कानूनी केस में फंस जाते हैं। जहां उन्हें ये साबित करना है कि जो उन्होंने इमेरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया क्या वह सही था। विक्रांत को इस फैसले की क्या कीमत चुकानी पड़ती है? इन सब सवालों के जवाब देती है रनवे 34।
अजय देवगन जो शिवाय के बाद दोबारा निर्देशक की भूमिका में आए हैं, ने अच्छा काम किया है। खासतौर पर पहले हाफ में, जिसमें ज्यादा समय बर्बाद न करते हैं सीधे जमीन से 35000 फीट ऊपर के एक्शन सीक्वेंस को दर्शाया गया है। फ्लाइट के अंदर के सीन्स, परेशान यात्री, कॉकपिट में फैसले लेने की टेंशन, सब कुछ शानदार तरीके से फिल्माया गया हैं। क्लोजअप शॉट्स, साउंड इफेक्ट्स and शानदारी वीएफएक्स आपको सफलतापूर्वक प्लेन में फंसी जिंदगियों की दिल दहला देने वाली मनोदशा से रूबरू कराते हैं। 35000 फीट ऊपर जो थ्रिल होना चाहिए वो बिल्कुल है। वह भी बिना किसी जबरन रोमांस या इमोश्नल अत्याचार के।
फिल्म इंट्रस्टिंग तब कम होने लगती है जब दूसरे हाफ में कोर्ट ड्रामा शुरू होता है। एक समय बाद बाद फिल्म काफी खिची हुई लगने लगती है। बिल्कुल ये कहानी की जरूरत थी, लेकिन ट्रीटमेंट और हास्यपाद कैरेक्टर्स फिल्म को मनोरंजक कोर्ट ड्रामा में तब्दील नहीं होने देते। हालांकि कहानी कई ट्विस्ट के साथ तेजी से आगे बढ़ती है। लेकिन गंभीरता कम होने लगती है। इन्वेस्टिगेशन में गहराई की कमी होती है और यह आपको लंबे समय तक बांधे नहीं रख पाती है।
जांच की कार्यवाही और लंबी और बोझिल लगने लगती अगर एएआईबी (Aircraft Accident Investigation Bureau) के हेड नारायण वेदांत के किरदार में अमिताभ बच्चन की मौजूदगी फिल्म में न होती । बिग बी पहले भी क्रोट ड्राम फिल्मों में दिख चुके हैं। इस बार भी वो अपने दबदबे वाले रोल में शानदार पर्फांमेंस देते हैं और सामने वाले को नर्वस करने में कामयाब रहते हैं। वहीं अजय देवगन फ्लाइट कैप्टन के रोल में खूब जंचते हैं। एक कूल टाइप अभिमानी पायलट, जो अपने हुनर पर हद से ज्यादा नाज करता है, ऐसे किरदार में वो जान भरते हैं। अजय देवगन एक बेहतर कहानीकार भी है। अभिनय के साथ-साथ वह निर्देशक के तौर पर भी पहले से ज्यादा उभरकर सामने आए हैं।
राकुल प्रीत सिंह को-पायलट के किरादर में खूब जंचती है, हालांकि उनके कैरैक्टर को और अच्छे से लिखा जा सकता था, लेकिन वो एक्टिंग से छाप छोड़ती हैं। बोमन ईरानी, अंगीरा धार, अकांक्षा सिंह को कम रोल मिला है। लेकिन फिल्म की स्टोरी में उनके योगदार पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। लेकिन कुछ सीन्स में इन सभी ने अच्छा अभिनय किया है। The NH Zero की ओर से फिल्म के दिए जाते हैं 3 स्टार्स।