
दिल्ली. RBI Tokenisation From 1st October. 1 अक्टूबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के ऑनलाइन पेमेंट के नियम बदल जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल 30 सितंबर तक ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल (Point of sale) और इन-ऐप (In-app) लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को टोकन के साथ बदलना अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले, समय सीमा जुलाई से शुरू होने वाले तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। टोकन के माध्यम से डेबिट, क्रेडिट कार्ड धारकों को सुरक्षा की अतिरिक्त परत मिलेगी, जिससे उपयोगकर्ताओं के डिजिटल भुगतान का अनुभव और बेहतर होगा।
क्या है टोकनाइजेशन-
आरबीआई के अनुसार, टोकनाइजेशन का मतलब कार्ड डीटेल्स को “टोकन” नामक एक वैकल्पिक कोड के साथ रिप्लेस करना है। एक टोकनयुक्त कार्ड से लेनदेन को सुरक्षित माना जाता है क्योंकि लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान वास्तविक कार्ड डीटेल्स व्यापारी के साथ साझा नहीं की जा सकती।
साइबर अपराध में आएगी कमी-
फिनकॉर्पिट कंसल्टिंग के निदेशक और सह-संस्थापक गौरव कपूर के अनुसार, टोकन लेनदेन का बहुत सुरक्षित तरीका है क्योंकि लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान वास्तविक कार्ड विवरण व्यापारी के साथ साझा नहीं किया जाता है और इसे एक खास टोकन से बदल दिया जाता है। इस समय जब भारत में साइबर अपराध बढ़ रहा है, साइबर बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। गौरव कपूर ने कहा कि व्यापारियों के लिए टोकन को अनिवार्य बनाने के लिए आरबीआई का यह कदम साइबर हमले के खतरे को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम है।