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यूपी का एक चमत्कारी पेड़, जिसके सामने चिल्लाने लगती हैं भूत-प्रेत और आत्माएं, यकीन न हो तो आप भी देखिये

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में वैसे भूत-प्रेत आत्माओं को भगाने के लिए दर्जनों दरगाह और मंदिर के अलावा तमाम ऐसे पुराने स्थान है जहां आज 21वीं सदी में भी लोगों का मजमा लगता है। बाराबंकी में ऐसे ही लोगों के लिए एक बार फिर एक चमत्कारी पेड़ के पास बना मंदिर विश्वास का स्थान बन चुका है। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध हो चुका है। लोगों का कहना है कि यहां स्थित चमत्कारी पेड़ के पास आते ही इंसान के अंदर का भूत सामने आकर चिल्लाने लगता है। हालांकि विज्ञान और स्वास्थ्य विभाग का दावा है भूत प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं होता, फिर भी आखिर लोगों का ऐसे स्थानों से विश्वास क्यों नहीं टूट रहा। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

यूपी के चमत्कारी पेड़ की कहानी
पूरा मामला बाराबंकी जिला मुख्यालय से रामसनेहीघाट की ओर 30 किलोमीटर जाने के बाद विधानसभा दरियाबाद के सुखीपुर गांव के बाहर स्थापित बाबा नंदेश्वर मंदिर पुस्तैनी से जुड़ा है। लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में लगा एक काफी पुराना चमत्कारी पेड़ है। लोगों का मानना है पुराने पेड़ के फेरे लगाते ही लोग झूमने लगते हैं। लोगो का विश्वास है कि जो लोग पेड़ के पास झूमने लगते हैं, उनमें भूत प्रेत आत्माओं का साया है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर पेड़ में ऐसी कौन सी चमत्कारी शक्तियां हैं, जो लोगो को अपनी ओर खींच रही हैं।

शरीर छोड़ देती हैं भूत-प्रेत और आत्माएं
मंदिर परिसर की देखरेख कर रहे राधेश्याम गुप्ता ने बताया की सालों पुराने इस देव स्थान की देखभाल स्व0 बाबा शिवराम भुजवा उर्फ झग्गड़ गिरा बाबा करते थे। उनके बाद उनके पिता और अब वो देखभाल कर रहे हैं। भूत-प्रेत से निजात दिलाने वाले इस पुराने मंदिर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा जो लोग भूत प्रेत से पीड़ित होते हैं, वे लोग यहां ठीक हो जाते हैं। खासकर मंगलवार के दिन यहां ज़्यादा भीड़ होती है। मेला लगता है। उनका कहना है जो लोग प्रेत आत्माओं से ज्यादा पीड़ित होते हैं, वे लोग यही रुक कर दुआ करते हैं और ठीक हो जाते हैं। मंदिर में प्रसाद के तौर पर यहां लड्डू, पेड़े, बताशे और अगरबत्ती चढ़ाई जाती है।

लोगों ने ठीक होने का किया दावा
बाबा नंदेश्वर पुस्तैनी मंदिर में दर्शन करने आये लोगों का कहना है के वे 4 महीने से इस मंदिर में आ रहे हैं। उन्हें काफी फायदा हुआ है। अपनी बीमार नातिन को लेकर मंदिर परिसर में आई दादी का कहना है कि उनकी बीमार नातिन 8 दिन बाराबंकी हॉस्पिटल में भर्ती रही। सीटी स्कैन और अन्य जांचे करवाईं, लेकिन कोई फर्क पड़ा। जब उसे लेकर यहां आ गयीं, तो वह ठीक हुई है। उनके गांव में दो तीन लोग भी यहां से ठीक हो चुके हैं। उनकी नातिन पर किसी प्रेत आत्मा का साया आ गया था, क्योंकि उसने कबूल भी किया था कि उसके अंदर भूत है। वही लखनऊ से पिछले 5 महीने से मंदिर में फेरी लगाने आ रहे एक श्रद्धालु ने बताया की विश्वास करने पर ही फायदा मिलेगा। वही 6 साल से बराबर इस मंदिर में आ रहे राजेंद्र का कहना है न सिर्फ भूत प्रेत ही यहां से भागते हैं, बल्कि बाकी मुरादे भी यहां से पूरी होती हैं।

अंधविश्वास में न पड़ें लोग
वही बाराबंकी का स्वास्थ्य विभाग ऐसे स्थानों को चिन्हित कर दुआ के साथ साथ दवा का कार्यक्रम भी चला रहा है। जिले के सीएमओ डा. राम जी वर्मा का कहना है भूत प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं, लेकिन दुआ के साथ दवा जरूर लें। उन्होंने कहा कि NHRM के तहत मेंटल हेल्थ कार्यक्रम में भाग लें, मनोचिकित्सक से संपर्क करें। क्योंकि अंधनविश्वास किसी के लिये भी खतरनाक साबित हो सकता है।