
लखनऊ. कैंसर ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो अगर समय पर पकड़ में न आई। तो मरीज का बचना नामुमकिन ही समझिये। आज हम शरीर में होने वाले एक ऐसे कैंसर के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसके बारे में लोगों को जानकारी काफी कम है और जिन्हें जानकारी है भी, तो वह शर्म और झिझक के कारण उसपर बात नहीं करते। जी हां, यह है पेनाइल कैंसर (Penile Cancer)। यानी पेनिस (Peni Cancer) या लिंग में होने वाला कैंसर। वैसे तो पेनाइल कैंसर के केस काफी कम ही सामने आते हैं, लेकिन जिन मरीजों को इसके लक्षण महसूस होते भी हैं तो वह शर्म के मारे इसका जिक्र किसी से नहीं करते। जिसके चलचे बीमारी लास्ट स्टेज पर पहुंच जाती है। यानी पहले उसका इलाज दवाइयों से संभव हो सकता था, लेकिन एडवांस स्टेज में उसकी सर्जरी ही मात्र विकल्प बचता है।
क्या होता है पेनाइल कैंसर?
पेनाइल कैंसर की सर्जरी के बाद भी वह बीमारी सही होगी या नही। इसे लेकर भी कुछ कहना संभव नहीं होता। जिसके चलते उसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिये पेनाइल कैंसर की सही जानकारी होना और लक्षण महसूस होने पर तुरंत डाक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी होता है। तो अब आपको बताते हैं कि पेनाइल कैंसर होता क्या है। डाक्टर एमडी पंत के मुताबिक पेनाइल, पेनिस या लिंग का कैंसर पुरुषों में होने वाली बीमारी है। पेनिस पुरुषों के जेनिटल पार्ट यानी यौन अंग का हिस्सा है। जिसमें कई बार गांट हो जाती है और वहीं आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेती है।
पेनाइल कैंसर के लक्षण जान लीजिये
- पेनिस पर किसी प्रकार की गांठ आ जाना
- पेनिस पर अल्सर हो जाना
- पेनिस से ब्लीडिंग होना
- लंबे समय तक पेनिस में दर्द, जो समय के साथ बढ़ती जाये
- पेनिस कैंसर जांघों में भी फैल सकता है
- जांघों में गांठ आ जाना
पेनाइल कैंसर का कारण
- HPV यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस इंफेक्शन
- HPV वायरस, जो सेक्सुअली ट्रांसमिटेट डिजीज से फैलता है
- असुरक्षित सेक्स करने से यह वायरस फैलता है
- 50 फीसदी केसों में यह बीमारी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस इंफेक्शन की वजह से ही होती है
- कई मरीजों में फाइमोसिस नाम की बीमारी होती है
- फाइमोसिस यानी पेनिस के ऊपर की स्किन काफी टाइट हो जाती है और पीछे नहीं होती
- HIV इंफेक्शन या इम्युनिटी कमजोर होने पर भी यह कैंसर हो सकता है
पेनाइल कैंसर से बचाव
- HPV यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस इंफेक्शन को रोकना
- HPV इंफेक्शन की वैक्सीन लें
- सुरक्षित सेक्स यानी कंडोम का इस्तेमाल करें
- फाइमोसिस बीमारी वाले मरीज सर्कम्सिशन नाम की सर्जरी करा लें
- पेनिस के आस-पास सफाई रखें
पेनाइल कैंसर का इलाज
- इसका इलाज स्टेज पर निर्भर करता है
- अर्ली स्टेज पर अलग इलाज
- लेट स्टेज में अलग इलाज होता है
- इसके ट्रीटमेंट में तीन पार्ट होते हैं। सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी
- ज्यादातर केसों में शुरुआत में सर्जरी करके गांठ को निकाल दिया जाता है
- गांठ की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे का होता है इलाज
- रिपोर्ट के आधार पर ही होती है रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी
- रेडियोथेरेपी में गांठ निकाली जाने वाली जगह एक्सरे या गामा रेज़ से इलाज
- कीमोथेरेपी में स्लाइन या गोलियों के जरिये मरीजों को दी जाती हैं दवाइयां