
जालौन. Nagarkot Wali Mata Madir Jalaun- उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गणेशनगर गांव में नगरकोट वाली माता का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मइया के दर्शन को आते हैं। मान्यता है कि देवी मां यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। कोरोना महामारी से जब पूरी दुनिया त्राहि-ताहि कर रही थी, तब करीब चार हजार आबादी वाले इस गांव के लोग निश्चिंत होकर घूम रहे थे। उस दौरान एक भी शख्स की कोरोना से मौत नहीं हुई। गांववालों का कहना है कि माता के प्रभाव से गांव में किसी महामारी का प्रकोप नहीं आ सकता।
ग्रामीणों का कहना है कि गांववालों पर नगरकोट वाली माता की विशेष कृपा है। वैसे तो यहां रोजाना सुबह-शाम पूजा-आरती होती है, लेकिन आषाढ़ महीने की पूर्णमासी, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र पर विशेष आयोजन होता है। इस दिन यहां पर हजारों की संख्या में भक्त इक्ट्ठा होते हैं और पूजा-अर्चना में शामिल होते हैं। देवी मां की पूजा में गांव के बूढ़े, बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं सभी शामिल होते हैं। जाति के आधार पर यहां किसी तरह से कोई भेद नहीं होता। इस दिन पूरा गांव मिलकर मंदिर प्रांगड़ को सजाता है। गणेशनगर गांव के पश्चिम में बने इस खूबसूरत स्थान पर मन को बेहद शांति मिलती है।
मंदिर का इतिहास
ग्रामीणों का कहना है कि करीब 105 वर्ष पहले गांव में देवी मां की स्थापना हुई थी। उस वक्त पूरा गांव हैजा (कॉलरा) महामारी की चपेट में था। रोजाना लोगों की मौत हो रही थी। एक दिन देवी मां ने गांव के एक शख्स को मंदिर बनवाने के लिए स्वप्न दिया और कहा कि उनकी पूजा के बाद इस गांव में कभी भी महामारी का प्रकोप नहीं होगा। तबसे अब तक लोग श्रद्धा से मां की पूजा करते आ रहे हैं।
कैसे पहुंचे दर्शन को
गणेशनगर स्थित देवी मां का मंदिर जालौन जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर और उरई से करीब 45 किलोमीटर दूर है। लखनऊ या झांसी से यहां अगर ट्रेन से आना चाहते हैं तो उरई रेलवे स्टेशन पर उतरें और फिर यहां से बस की यात्रा करें। उरई बस अड्डे से रोडवेज के अलावा कई प्राइवेट बसें भी चलती हैं, जिनके जरिए आप गणेशनगर पहुंच सकते हैं। निजी साधन हो तो और बेहतर है। मध्य प्रदेश से भी यहां आया जा सकता है। मध्य प्रदेश का भिंड करीब 70 किलोमीटर और ग्वालियर करीब 130 किलोमीटर दूर है।
यह भी पढ़ें: खूबसूरत पर्यटन स्थल है धोबिया आश्रम, यहां की सुंदरता में खो जाएंगे