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मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा, जानें किस पर तान दी थी बंदूक

MukhtarAnsari

लखनऊ. लखनऊ हाई कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को एक जेलर को जान से मारने की धमकी देने और उस पर पिस्तौल तानने के आरोप में सात साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने अंसारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला 2003 का है जब तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अवस्थी ने आरोप लगाया था कि अंसारी ने जेल में उनसे मिलने आए लोगों की जांच करने पर उन्हें धमकाया था। अवस्थी ने यह भी कहा था कि अंसारी ने उन पर बंदूक तान दी थी।

अंसारी 10 अन्य मामलों में भी शामिल है जो वर्तमान में प्रयागराज विशेष सांसद/विधायक अदालत में विचाराधीन हैं। उसके खिलाफ सबसे बड़ा मामला उत्तर प्रदेश के मऊ में एक ठेकेदार की हत्या का है। अंसारी पर साल 1978, 1986, 1988, 1990 और 1992 में हत्याएं करने का आरोप है। मुख्तार अंसारी को निचली अदालत ने जेलर मामले में रिहा कर दिया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी।

अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया।