
बाराबंकी. क्या आपने कभी सुना है कि कहीं पर एक ही नेता 38 साल से किसी देश का प्रधानमंत्री बना हुआ है। और तो और 39वीं बार फिर उसी नेता ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इस प्रधानमंत्री को उसके देश के राष्ट्रपति ने शपथ भी दिला दी। साथ ही नई सरकार गठित होते ही चुने गये नेताओं में विभागों का बंटवारा हो गया। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा देश है जहां 38 सालों से प्रधानमंत्री ही नहीं बदला। तो अब आप भी सुन लीजिये उस देश का नाम। उस देश का नाम है मूर्खिस्तान। जी हां मूर्खिस्तान। दरअसल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 38 सालों से एक परंपरा चली आ रही है। इस परंपरा के तहत यहां के कुछ लोग मिलकर एक अप्रैल को मूर्खिस्तान की सरकार बनाते हैं। जिसमें राष्ट्रपति चुना जाता है, प्रधानमंत्री बनता है और उसकी सरकार के मंत्रियों को भी विभाग बांटे जाते हैं। यह परंपरा एक अप्रैल यानी मूर्ख दिवस के दिन निभाई जाती है। इसलिये सबकुछ हंसी मजाक के अंदाज में होता है। और तो और सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री को गधे पर बिठाकर घुमाया गया।
फिर बनी मूर्खिस्तान की सरकार
हंसी मजाक में निभाई जा रही इस परंपरा के तहत बाराबंकी में एक बार फिर मूर्खिस्तान की नई सरकार गठित हुई और चुने गये नेताओं में विभागों का बंटवारा हुआ। सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद पर सांसद सचिव दिनेश चंद्र रावत और प्रधानमंत्री पद पर मूर्खाधिराज अशोक सैनी चुने गये। राष्ट्रपति द्वारा सभी मंत्रियों को पद के दुरूपयोग करने की शपथ दिलायी गई। अब आप सोच रहे होंगे, पद का दुरुपयोग क्यों। तो आप भूलिये मत, यहां परंपरा मूर्ख दिवस के दिन निभाई जा रही थी। इस दौरान सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद पर सांसद सचिव दिनेश चंद्र रावत व प्रधानमंत्री पद पर मूर्खाधिराज अशोक सैनी चुने गये।
इनको बनाया गया मंत्री
रत्नेश कुमार को बाल विनाश मंत्री पद की शपथ दिलाई गई तो वहीं चन्द्र प्रकाश सिंह ने अपना वाहन चोर विभाग सम्भाला। जबकि शिक्षा विनाश मंत्री चमन वर्मा, स्वास्थ्य विनाश मंत्री डा. वीरेन्द्र पटेल और पोस्टमार्टम विकास मंत्री डा. फिदा हुसैन बने। इन सबके अलावा हरियाली मिटाने और पर्यावरण विनाश में काफी सक्रिय मंत्री धीरज गुलसिया बने। सहकारी विनाश मंत्री धीरेन्द्र वर्मा, सड़क विनाश मंत्री नवीन सिंह राठौर, बाल विनाश एवं परिवार घटाओ मंत्री दीनानाथ, युवा बिगाड़ मंत्री कपिल यादव, तोड़-फोड़ मंत्री एडवोकेट हुमायूं नईम, पोखर पटाओ कूड़ा बढ़ाओ मंत्री रंजीत बहादुर श्रीवास्तव, मूकबधिर विधवा बढ़ाओ मंत्री शिवराम गुप्ता, मच्छर विकास मंत्री अखिलेश रावत एडवोकेट, कब्रिस्तान विकास मंत्री अजय सिंह ने भी पूरी ईमानदारी से काम करने का भरोसा दिलाया।
स्वर्गीयों ने की अध्यक्षता
अब आपको बताते हैं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता किसने की। तो सुन लीजिये, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. सरदार बेअन्त सिंह ने की और संचालन वरिष्ठ पत्रकार स्व. गिरजाशंकर शुक्ला ने किया। अब फिर आप सोच रहे होंगे कि दोनों स्व. तो अध्यक्षता और संचालन कैसे किया। तो फिर आप याद करिये, कि यह परंपरा हमेशा की तरह मूर्ख दिवस के दिन निभाई गई थी। वहीं इस सभा से पहले 22वें आम चुनाव में नव निर्वाचित प्रतिनिधियों ने विशाल जूलूस निकाला और निवर्तमान प्रधानमंत्री अपनी हजारों सुन्दरियों के साथ जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए दिखे। इस दौरान समर्थकों ने जूता-लात चलाते हुए टमाटर गाजर-मूली से जमकर उनका स्वागत किया।
सालों से चली आ रही हंसी-मजाक की परंपरा
शपथ ग्रहण समारोह में देश की समस्याओं को रखते हुए स्व सरदार बेंत सिंह ने कहा कि जनता हित में देश की सभी सम्पत्ति को बेंच देना चाहिए। अगर जनता को आत्म निर्भर बनाना है तो जर-जोरू और जमीन विवादों को बढ़ाना होगा। गृह मंत्री शिवकरन सिंह ने कहा कि मंत्रियों की जी हजूरी डीएम कितनी सफाई से कर सकता है और सरकारी जमीनों को कितनी आसानी से खरीद-फरोख्त कर सकता है। इस योग्यता पर जिलाधिकारी और कप्तानों की तैनाती जिले में होनी चाहिए। कप्तान कितने दंगे करा सकता है, जाति से जाति को लड़ाने में जिलाधिकारी कितनी मदद कर सकते हैं। इस पैमाने को भी उनकी तैनाती में जोड़ा जाना चाहिए। ध्यान रहे यह सब पैमाने मूर्ख दिवस पर मूर्खिस्तान देश के लिये हैं। असल जिंदगी से इसका कोई लेना देना नहीं है।