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मिशन पहचान से बाराबंकी के बच्चे लगाएंगे लंबी छलांग, प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बजेगा डंका

बाराबंकी. जनपद बाराबंकी के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होकर अपने जनपद सहित प्रदेश का नाम रोशन कर सकें, इसके लिए आज मिशन पहचान परीक्षा का आयोजन किया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग में शुरू हुई पहल के तहत कराई गई इस परीक्षा का मूल उद्देश्य बच्चों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति उत्साह को बढ़ाना, उनकी नींव मजबूत करना और बच्चे का ज्ञान-गुरु की पहचान है। इस परीक्षा में कक्षा 6 से 12 तक के सभी बच्चे शामिल हुए। इस परीक्षा में जो बच्चे बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। साथ ही जो बच्चे कमजोर होंगे उनको एक्स्ट्रा क्लास कराकर तैयारी कराई जाएगी।

डीआईओएस ओ.पी. त्रिपाठी की पहल
दरअसल डीआईओएस ओपी. त्रिपाठी का नवाचार मिशन पहचान बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनका चौमुखी विकास भी कर रहा है। इसी पहल के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग के बच्चों का बौद्धिक स्तर जांचने के लिए उत्सव के रूप में आज 73 केंद्रों पर मिशन पहचान परीक्षा आयोजित की गई। दो पालियों में हुई इस परीक्षा में 38 राजकीय और 35 अशासकीय सहायता प्राप्त यानी कुल 73 स्कूलों के छठवीं से 12वीं तक के करीब 40 हजार विद्यार्थी शामिल हुए। इस परीक्षा को लेकर बच्चों के साथ शिक्षकों में गजब को उत्साह देखने को मिला। परीक्षा कराने को लेकर 16 पर्यवेक्षण अधिकारियों को ब्लॉकवार जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिनकी देखरेख में परीक्षा संपन्न कराई गई।

मिशन पहचान से भरा जोश
आपको बता दें कि बाराबंकी जिले में करीब तीन माह पहले ही आये डीआईओएस ओ.पी. त्रिपाठी ने अपने नवाचार मिशन पहचान की शुरूआत कराई है। इसमें राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल के बच्चों व शिक्षकों में काफी रुचि भी दिख रही है। इस दौरान बच्चों ने क्या सीखा, इसके मूल्यांकन को लेकर इस मिशन पहचान परीक्षा का आयोजन किया गया।

बोर्ड एग्जाम की तरह हुई परीक्षा
वहीं बाराबंकी के डीआईओएस ने बताया कि यह परीक्षा पूरी तरह से बोर्ड परीक्षा की तरह आयोजित की गई। सभी बच्चों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया और सीसीटीवी कैमरे से परीक्षा की रिकॉर्डिंग कराई गई। जिसकी मॉनिटरिंग स्वयं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लगे सीसीटीवी कंट्रोल सिस्टम से हुई। बच्चों में इस परीक्षा के लिए गजब का उत्साह देखने को मिला है। वहीं बाराबंकी के जीआईसी के प्रधानाचार्य राधेश्याम धीमान ने बताया कि मिशन पहचान परीक्षा में जो बच्चे बेहतर प्रदर्शन करके दिखाएंगे। उन्हें सम्मानित करने का काम करेगा। साथ ही परीक्षा के बाद जो बच्चे कमजोर पाए जाएंगे उनके लिए अतिरिक्त कक्षा का आयोजन किया जाएगा।