
लखनऊ. कांग्रेस पार्टी ने बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक का विरोध किया है। मंगलवार को राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रेसवार्ता कर सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए मॉनसून सत्र में लाए जाने वाले बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक का विरोध किया है। इससे पहले कांग्रेसियों ने शहर में स्थित इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आज ही के दिन 1969 में उनके द्वारा किए गए बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित की।
कांग्रेस नेता डॉक्टर शहजाद आलम ने कहा कि मोदी सरकार सरकारी बैंकों को अपने उद्योगपति मित्रों को दान में देने के लिए बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक के पास हो जाने के बाद इन बैंकों में सरकार का शेयर 51 प्रतिशत से घट कर 26 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे इन बैंकों में जमा आम आदमी का पैसा एक तरह से निजी उद्योगपतियों का हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सरकारी बैंकों को मोदी जी के वे मित्र खरीदेंगे जो खुद सरकारी बैंकों के कर्जदार हैं और अपना बकाया कर्ज मोदी सरकार से माफ करा लेते हैं। ऐसे उदाहरण भी दिखेंगे जहां मोदी जी के मित्र उसी बैंक से कर्ज़ लेकर उसी बैंक को खरीद लेंगे।
‘सरकार को ही मनमाने ब्याज दर देंगे कर्ज’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1969 में 19 जुलाई को बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर निजी बैंकों के लाभ को राष्ट्र के विकास में लगाने और उनको जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए उनमें सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत रखी थी। जिससे बैंक जनता के नियंत्रण में रहे। लेकिन अब मोदी जी इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत करने और अगले कुछ सालों में पूरी तरह खत्म कर देने के लिए क़ानून ला रहे हैं। जिससे इन बैंकों का अब जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के प्रति कोई जाबदेही नहीं रह जाएगी। उल्टे वे अब मनमाने ब्याज दर पर सरकार को ही कर्ज देने लगेंगे।
‘गरीब नहीं पा सकेंगे बैंकों में नौकरी’
उन्होंने कहा कि बैंकों के निजी हाथों में जाते ही बैंक की नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी। जिससे पिछड़े, दलित, आदिवासी और गरीब सवर्णों के बच्चे बैंकों में नौकरी नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस इस कानून के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेगी।