
फिरोजाबाद. Mid Day Meal Scam. उत्तर प्रदेश में मिड डे मील से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। एक शिक्षक पर मिड डे मील के नाम पर करीब 12 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगा है। इसमें शिक्षक ने बड़ी ही चालाकी से फर्जी दस्तावेज बनवाए, अपने परिवार के सदस्यों के नाम बैंक खाते खुलवाए जिससे रुपयों को सही से एडजस्ट किया जा सके। यही नहीं शिक्षक ने इसके जरिए आय से अधिक संपत्ति भी बना डाली। विजिलेंस टीम की जांच में इसका खुलासा हुआ है जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आगरा के थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
यह घोटाला साल 2008 से 2014 के बीच में किया गया है। मामला फिरोजाबाद का है। आरोपी चंद्रकात शर्मा यहा के मोहल्ला खेड़ा का रहने वाला है। पांच वर्ष पहले उसके खिलाफ शासन ने जांच के आदेश दिए थे। इसमें 11.46 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। 27 जुलाई को उसके व शामिल दूसरे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
ये भी पढ़ें- Asia Cup का शेड्यूल जारी, 28 अगस्त को दुबई में होगा भारत-पाकिस्तान का मुकाबला
जिंदा मां को भी दिखाया मृत –
आरोप है कि चंद्रकांत शर्मा ने जनवरी 2007 में सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति , शिकोहाबाद के नाम ससे उपनिबंधक फर्म्स सोसायटी व चिट्स आगरा मंडल में पंजीकरण कराया, जिसमें फर्जी पहचान पत्र व राशन कार्ड लगाए गए। समिति में उसने पिता को अध्यक्ष बनाया, मां को प्रबंधक व सचिव, पत्नी को कोषाध्यक्ष, चाचा, चचेरे भाई, साले व अन्य रिश्तेदारों को पदाधिकारी एवं सदस्य बनाया। फिर साल 2011-12 में उसने समिति में पत्नी बेबी शर्मा के शपथ पत्र के जरिए कुछ पदाधिकारियों की मृत्यु दर्शा दी। इसमें उसकी मां का नाम भी शामिल है, जब्कि वो जिंदा है। इसके बाद चंद्रकांत शर्मा ने फर्जी नाम सुनील शर्मा बनाया और कोषाध्यक्ष बन गया।
व्यकिगत लाभ के लिए किया समिति का प्रयोग-
आरोप है कि चंद्रकांत शर्मा ने सार्वजनिक रूप से करने के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए समिति का इस्तेमाल किया। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग, फिरोजाबाद के अधिकारियों से सांठगांठ की। नगरीय क्षेत्र में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील वितरण का कार्य लिया। इसके लिए पीएनबी बैंक में खाता खुलवाया। अधिकारियों से सांठगांठ करके उसने खाते से साल 2008 से मई 2014 तक 11.46 करोड़ रुपये निकाल लिए। इस रकम को बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से परिवार के सदस्यों के नाम पर आगरा के अलग-अलग बैंकों में जमा कराए और फिर उसे हड़प लिया।
फिर बनाई संपत्ति-
घोटाले की रकम से ही आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा कर ली। संपत्ति को बैंकों में गिरवीं रख दिया, जिससे उन्हें वैद्य दर्शा सके। इसके बाद अलग-अलग बैंकों से लोन लिया। अचल संपत्ति खरीदी गई। उसने भूखंडों पर भवन का निर्माण कराया, लेकिन किसी विभाग से नक्शा पास नहीं कराया। वर्तमान में चंद्रकांत टूंडला के जाजपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक है। वो आवास विकास कॉलोनी में रह रहा है।
मुकदमा दर्ज-
मामले में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा सेक्टर के निरीक्षक अमर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें फिरोजाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग, शिकोहाबाद की पंजाब नेशनल बैंक, आगरा की विभिन्न बैंक, उप निबंधक फर्म्स एवं चिट्स आगरा, फिरोजाबाद के मिड डे मील समन्वयक, आवास विकास परिषद आगरा और टोरंट पावर लिमिटेड को नामजद किया है। मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(ए) व 13(2), धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी लगी हैं।