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Lumpy Virus की यूपी में दस्तक, सभी जिलों में जारी हुआ अलर्ट, जानें लक्षण व बचाव के उपाय

लखनऊ. जानवरों में फैलने वाले खतरनाक वायरस लंपी ने यूपी में दस्तक दे दी है। जिसके बाद प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बलरामपुर व गोंडा में अधिकतर केस आए हैं, जिनमें गाय-भैंसों में इसके लक्षण मिले हैं। यूपी स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों जिलों में खात सतर्कता बरतने के लिए निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में लंपी पहले ही कहर बरपा रहा है। लाखों गायों की इससे मौत हो चुकी है।

उप्र पशुधन विकास परिषद के सीईओ डा. अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि गोंडा व बलरामपुर जिलों में इस बीमारी की रिपोर्ट इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली (आईवीआरआई) द्वारा की गई है। सोनभद्र में भी यरस चिह्नित हुआ है पर वहां से अभी इसकी रिपोर्टिंग नहीं हो पाई है। हालांकि यूपी में अभी केवल गोवंश में इस वायरस का असर दिख रहा है। इसके लिए सभी जिलों में मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अलर्ट रहें। इस वायरस का असर दिखे तो तुरंत ही सूचित किया जाए। बताया जा रहा है कि पश्चिमी यूपी के कई जिलों में  भी इस वायरस ने दस्तक दी है।

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क्या है लक्षण-

लंपी गाय व भैंसों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है तो तेजी से एक दूसरे में फैलता है। इसके लक्षण की बात करें, तो इसमें पशु की त्वचा पर गांठें हो जाती हैं। त्वचा खराब होने लगती है, पशुओं में कमजोरी दिखने लगती है, दुधारू पशु में दूध की क्षमता कम होने लगती है। गर्भपात, बांझपन, पशुओं के बच्चों में कम विकास होना, निमोनिया भी इसके लक्षण हो सकते हैं। 

कैसे फैलता है यह वायरस-

यह रोग मक्खियों, मच्छरों व जूं के सीधे संपर्क में आने से पशुओं में फैलता है। दूषित दाने, पानी से भी यह फैल सकता है। कई बात दो से पांच सप्ताह तक इसके लक्षण नहीं दिखते और अचानक ही यह दिखने लगते हैैं। खास बात यह है कि यह रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता है। यह  रोग पहली बार 1929 में जाम्बिया में हुआ और अफ्रीकी देशों में फैला।

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कैसे रोके-
पुश यदि इस वारयस से प्रभावित है, तो उसे अलग जगह पर करें। मक्खी, मच्छर, जूं आदि को रहने न दें। उन्हें मारें। प्रभावित क्षेत्रों में मवेशी मेले, शो और पशुधन बाजार आदि पर प्रतिबंध लगे। बीमारी ग्रस्त पशु की मृत्यु पर शव को खुला न छोड़ें। उसके जमीन में दबा दें और पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं से सफाई करें। इससे प्रभावित पशु का दूध पीने से कोई नुकसान नहीं है। हालांकि दूध को पीने से पहले उबाल लेना चाहिए।