
लखनऊ. अकसर देखा जाता है की सड़क खाली हो या नही, कुछ लोग अपनी बाइक या कार की स्पीड को बढ़ा देते हैं। कई बार तो लोग स्पीड 100 के ऊपर करके बड़ी लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे कई बार उन्हें किसी हादसे का शिकार होना पड़ता है। ऐसे ही लापरवाही की वजह से होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने सबसे ज्यादा शिकायतों वाली शहर की सात सड़कों को चुना है, जहां पर स्पीडोमीटर के जरिए वह लापरवाह चालकों पर नकेल कस रही है। आइए जानते हैं कहां और कैसे चालान कटता है –
कैसे कटता है चालान?
इन सातों सड़कों पर आईटीएमएस (ITMS) की मदद से कैमरा लगाए गए हैं, जिनमे स्पीडोमीटर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए गए हैं। इन सॉफ्टवेयर में वाहन की गति 60 कि.मी. तय कर दी गई है। अब जब कोई वाहन इन सड़कों से गुजरता है और उसकी स्पीड 60 कि.मी. से ज्यादा होती है तो कैमरा खुद ही उस वाहन को स्कैन कर लेता है। जिसके बाद विभाग में बैठा कर्मचारी वाहन का तुरंत चालान कर देता है।
कितने रुपए का हो रहा चालान?
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार इन सड़कों पर 60 कि. मी. से ज्यादा की स्पीड वाले छोटे वाहन, जैसे – बाइक या कार का 2 हजार रुपए और बड़े वाहन जैसे – ट्रक या बस का 4 हजार रूपए का चालान कटता है।
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लखनऊ की सात सड़कें जहां है स्पीडोमीटर इंस्टॉल?
1) सेक्टर 25 से मुंशीपुलिया
2) खुर्रामनगर से समता मूलक चौराहा
3) 1090 चौराहे से कालिदास मार्ग
4) दयाल पैराडाइज से गोमती नगर विस्तार
5) अवध से दुबग्गा
6) तेलीबाग से बंगलाबाजार
7) बंगलाबाजार से कैंट
चुने गए इन सात सड़कों पर ओवर स्पीडिंग के मामले में रोजाना 400 के करीब चालान कट रहे हैं।
पिछले ढाई महीने में 17 हजार से ज्यादा वाहन चालकों का चालान कट चुका है। पिछले एक महीने में हेलमेट न पहनने के लिए छः हजार और रेड लाइट जंप करने के लिए 1400 से ज्यादा चालान हो चुके हैं।
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