
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार आधी रात के आसपास, लेवाना सूट होटल में आग लगने की घटना के संबंध में कथित ढिलाई के लिए 15 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही चार सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ भी लागू नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। हजरतगंज इलाके में सोमवार को हुई त्रासदी की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में 19 लोगों पर अनियमितता और लापरवाही का आरोप है।
जिन्हें निलंबित किया गया है उनमें सुशील यादव, तत्कालीन अग्निशमन अधिकारी, योगेंद्र प्रसाद यादव, अग्निशमन अधिकारी (द्वितीय), मुख्य अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार सिंह, सहायक निदेशक (बिजली सुरक्षा) विजय कुमार राव, सहायक अभियंता आशीष कुमार मिश्रा और अनुमंडल अधिकारी राजेश कुमार मिश्रा, महेंद्र. कुमार मिश्रा पीसीएस (तत्कालीन सक्षम प्राधिकारी) लखनऊ विकास प्राधिकरण शामिल हैं। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की जाएगी।
निलंबित किए गए अन्य लोगों में लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सहायक अभियंता राकेश मोहन (आवास और शहरी नियोजन विभाग), कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र नाथ दुबे, कनिष्ठ अभियंता रवींद्र कुमार श्रीवास्तव, कनिष्ठ अभियंता जयवीर सिंह और राम प्रताप माटे, तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी संतोष कुमार तिवारी शामिल हैं। , आबकारी निरीक्षक सेक्टर 1 अमित कुमार श्रीवास्तव और उप आबकारी आयुक्त (लखनऊ) जैनेंद्र उपाध्याय हैं।
एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त एसबी शिराडकर और संभागीय आयुक्त रोशन जैकब की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद निर्देश दिए। प्रवक्ता ने बताया कि गृह, ऊर्जा, नियुक्ति एवं कार्मिक, आवास एवं शहरी नियोजन एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ निलंबन सहित विभागीय कार्रवाई की जायेगी। अधिकारी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वालों के खिलाफ मौजूदा नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।