Thursday , June 1 2023

Laal Singh Chaddha vs Raksha Bandhan- बॉक्स ऑफिस पर ठंडी रही दोनों फिल्में, कहीं बॉलीवुड खतरे में तो नहीं?

दिल्ली. फेस्टिव सीजन में अकसर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती हैं और बड़े सितारों से फिल्में यदि सजी हों तो सोने पे सुहागा। रक्षा बंधन के मौके पर अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ और आमिर खान की चार साल बाद फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ रिलीज हुई। उम्मीद थी कि दोनों ही फिल्में या कोई एक फिल्म भी धमाकेदार ओपनिंग कर बॉक्स ऑफिस पर पड़े सूखे को खत्म कर देंगी। लेकिन आंकड़े ऐसे हैं कि अब वाकई में बॉलीवुड को डरने की और आत्ममंथन करने की जरूरत है। कम बजट और कम स्क्रीन्स मिलने के बाद रक्षा बंधन ने पहले दिन करीब नौ करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, तो वहीं ‘लाल सिंह चड्ढा’ ने दस से 12 करोड़ रुपए नेट कमाए हैं। जिससे पता चलता है कि जनता ने दोनों सुपरस्टार की स्टार पॉवर को नकार दिया है।

ये भी पढ़ें- Laal Singh Chaddha Movie Review- ‘लाल’ की मासूमियत जीतेगी दिल!

दोनों ही फिल्मों को समीक्षकों व जनता से मिले-जुले रिस्पॉन्स मिले हैं। किसी ने शानदार तो किसी ने फिल्मों को बोरिंग करार दिया है। हालांकि रक्षा बंधन का त्योहार ऐसा है कि ज्यादातर लोग अपने परिवार वालों के साथ समय बिताते हैं और सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देखना उनकी लिस्ट में आखिरी काम हो सकता है। उस लिहाज से दोनों फिल्मों के लिए शुक्रवार और आने वाले तीन और दिन (यानी सोमवार तक) बहुत महत्वपूर्ण होंगे और बॉक्स ऑफिस पर असली परीक्षा अब होगी। अगर इन दिनों में भी यह फिल्में कमाल नहीं कर पाईं तो मेकर्स को गहनता से सोचने समझने की जरूरत है। क्योंकि जनता का इशारा साफ है।

एक के बाद एक बड़ी फिल्मों हो रही फ्लॉप

अक्षय कुमार के लिए यह साल ठीक नहीं रहा। बीते साल आई उनकी फिल्म ‘सूर्यवंशी’ सुपरहिट रही। लेकिन इस साल ‘बच्चन पांडे’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’ दोनों ही बड़े बजट की फिल्में फ्लॉप रहीं। हालांकि ‘रक्षा बंधन’ को उन दोनों फिल्मों से कुछ बेहतर बताया जा रहा है। लेकिन अक्षय कुमार के नाम पर ही चल जाने वालीं और सौ-सौ करोड़ रुपए कमाने वाली फिल्मों का नंबर अभी तक नहीं आया है। आमिर खान की आखिरी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ ने भी पहले दिन 52 करोड़ रुपए का धमाकेदार कलेक्शन किया था। भले ही वह बाद में फ्लॉप रही, लेकिन उनका स्टॉर पॉवर कम से कम पहले दिन दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में कामयाब तो रहता था। इस वर्ष ऐसा किसी भी फिल्म के लिए नहीं दिख रहा। रणबीर कपूर की ‘शमशेरा’ भी इसका बड़ा उदाहरण हैं। अजय देवगन की ‘रनवे 34’ के साथ भी ऐसा ही था। शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ भी कोई जादू नहीं कर पाई थी।

दर्शकों की इशारा है साफ-

दर्शकों का इशारा भी साफ है कि फिल्में स्टार पॉवर पर नही स्ट्रॉंग कॉन्टेंट पर चलेंगी। यह कहना गलत नहीं होगा कि साउथ फिल्मों की नॉर्थ इंडिया में एंट्री से यह चलन ज्यादा शुरू हो गया। कम्पटीशन बढ़ गया है। दर्शक भी पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं। वह बेहतर फिल्में चाहते हैं। बड़े सितारों से वह कुछ बेहतर ही उम्मीद करेंगे। कम में बात नहीं बनेगी। बॉलीवुड की ‘भूल भुलैया 2’ भी इसका बढ़िया उदाहरण है। यह फिल्म खान, कपूर और कुमार जैसे सितारों से नहीं सजी थी, बावजूद इसके वह इस वर्ष की अब तक की सबसे सफल फिल्म है।