कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के कांग्रेस छोड़ने के साथ-साथ सपा को चुनने को लेकर सियासी गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं। उनमें एक वजह 2024 का चुनाव भी है।

लखनऊ. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है। हालांकि उन्होंने समाजवादी पार्टी आधिकारिक रूप से ज्वाइन नहीं की है, लेकिन राज्यसभा जाने के लिए उन्होंने सपा का समर्थन लिया है। सियासी गलियारों में उनके कांग्रेस छोड़ने के साथ-साथ सपा को चुनने को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। उनमें एक वजह 2024 का चुनाव भी है।
मोदी सरकार की विफलताएं लाएंगे जनता के सामने-
इस बात का जिक्र उन्होंने बुधवार को नामांकन के दौरान भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं, जिससे मोदी सरकार का विरोध हो सके। सिब्बल ने कहा कि वह चुनाव से पूर्व एक ऐसा माहौल बनाना चाहते है जिससे मोदी सरकार का खामियां जानते के बीच पहुंचे। कहा जा रहा है कि कांग्रेस में रहते वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे।
विपक्ष-खड़ा करेंगे नया विपक्ष-
दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और यहां विपक्ष में केवल सपा ही है, जो भाजपा को टक्कर दे रही है। उसके मुखिया अखिलेश यादव के कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव,राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन से अच्छा संबंध हैं। इन सबके साथ मिलकर कपिल एक नया विपक्ष खड़ा करना चाहते हैं। जो भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस का भी विकल्प हो सकता है।
अखिलेश व आजम के बीच दरारें करेंगे दूर-
सिब्बल की जो रणनीति है उसके लिए जरूरी है कि सपा में एकजुटता। चर्चा है कि आजम खां, अखिलेश यादव से नाराज हैं। और उनका रुख शिवपाल यादव की ओर है। कपिल आजम खां का केस भी लड़ रहे हैं। और इस कारण उनको आजम व अखिलेश दोनों से कई दफा मिलना होता है। सपा के बीच जाकर वह आजम और अखिलेश के बीच में जो मनमुटाव है, उसे दूर कर सकते हैं। कहा जा रहा है सिब्बल ही आजम खां को सपा से जोड़े हुए हैं। दरारें खत्म होंगी तो आगे की रणनीति में रुकावटें नहीं आएंगी।