लखनऊ. Lucknow Eco Garden- अदब और तहजीब के लिए दुनिया भर में फेमस नवाबों की नगरी लखनऊ में मुस्कराने की कई वजह हैं। यहां बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूलभुलैया, घंटाघर, रेजीडेंसी, पिक्चर गैलरी, सतखंडा पैलेस, दादा मियां की दरगाह और जामा मस्जिद जैसी नवाबी दौर की तमाम इमारतें आज भी मुस्कराकर पर्यटकों का स्वागत कर रही हैं। तो नये बने पार्क लोगों का आगे बढ़कर इस्तकबाल कर रहे हैं। इनमें से एक है मान्यवर कांशीराम ग्रीन इको गार्डन, जिसे इको पार्क कहकर भी पुकारते हैं।
112 एकड़ में फैला इको गार्डन बेहद खूबसूरत पत्थरों से बना है। पार्क के किनारे-किनारे विशेष धातु की जानवरों और पेड़-पौधों की कलाकृतियां बनी हैं जो बेहतर देखरेख के चलते हजार वर्ष तक चल सकती हैं। जालीदार ग्रीनरी इसे और आकर्षक बना रही है। तो वहीं झील और फव्वारे इस पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। एक जाली से दूसरे जाली की लंबाई 140 मीटर है। ऐसी 12 जालियां बनी हैं। पार्क के बीचो बीच किले माउंट है, जहां एक स्थान पर खड़े होकर पूरे पार्क का नजारा लिया जा सकता है। पार्क में 1280 लाइटें लगी हैं रात में जिनकी रोशनी से पार्क जगमगा उठता है।

15 रुपए हैं प्रवेश शुल्क, यहां अव्यवस्थाएं भी हैं
पार्क में दो इंट्री गेट हैं। एक पूरब में और दूसरा पश्चिम में। यहां पार्किंग की भी बेहतर व्यवस्था है। पार्क का प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 15 रुपए है। लेकिन, सावधान अगर आप यहां आ रहे हैं तो कुछ सावधानी बरतें। जैसे पानी लेकर आयें और टॉयलेट बाहर से ही करके यहां बीच पार्क में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। पार्क के सभी आरओ खराब पड़े हैं। सिर्फ पूर्वी गेट पर ही शौचालय की व्यवस्था है। पार्क के सभी फव्वारे बंद हैं और झीलें सूख गई हैं। पानी के अभाव में पार्कों की घास सूख रही है तो पेड़-पौधे भी कुम्हला रहे हैं। फिर भी अगर आप शाम के समय यहां घूमने आते हैं तो आपको बेहतर सुकून मिलेगा। बशर्ते अपने निजी इंतजाम के साथ यहां आयें।