
दिल्ली. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विश्वास प्रस्ताव जीता लिया। भाजपा, उसके सहयोगी दल के विरोध और हंगामे के बीच विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया। 81 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन का प्रस्ताव 48 मतों से पारित हुआ। भाजपा, उसकी सहयोगी आजसू पार्टी और दो निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा बहिष्कार के बीच प्रस्ताव पारित किया गया।
सोरेन ने सदन को संबोधित करते हए विशेष एक दिवसीय सत्र में विश्वास मत मांगा। सोरेन ने राज्य सरकार के सामने बाधाएँ पैदा करने की बात कही। हमने ये सत्र लोकतंत्र को बचाने के लिए बुलाया है। उन्होंने आगे कहा कि “बीजेपी के लोग देश में आए दिन विधायकों की खरीद फरोख्त करते हैं। लोग सामान खरीदते हैं, पर वो विधायकों का सौदा करती है। भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने का काम करती है।
भाजपा द्वारा एक याचिका दायर करने के बाद झारखंड में राजनीतिक संकट उभरा, जिसमें लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। बीजेपी ने सोरेन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2021 में राज्य का खनन विभाग अपने पास रखते हुए खुद को खनन पट्टा आवंटित किया था।
इस साल फरवरी में, भाजपा ने राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 (ए) के तहत सोरेन को सदन से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपना फैसला राज्यपाल को सौंप दिया, हालांकि इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।