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पुलिस ने उठाया बड़ा कदम, ताकि जेल में बंद कैदियों के बच्चे न रहे शिक्षा से वंचित

हमीरपुर. Hamirpur News. सलाखों के अंधेरे में घुट रहे बच्चे भी तालीम की रोशनी से रूबरू हो रहे हैं। दहेज उत्पीड़न के मामले में परिजनों के साथ जेल में बंद दो बच्चों का जेल प्रशासन ने पहली कक्षा में प्रवेश कराया है। स्कूल से आने के बाद उनके लिए जेल में ही क्रच की व्यवस्था है। जेल प्रशासन ने निगरानी के लिए महिला कांस्टेबल की तैनाती की है।

हमीरपुर जिला कारागार में कुल 34 महिला बंदी निरुद्ध है। जिनमें से चार महिला बंदियों के साथ पांच बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों के अच्छे पालन पोषण और शिक्षा व्यवस्था के लिए जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने शासन के निर्देशों का पालन करते हुए दहेज उत्पीड़न के मामले में विचाराधीन महिला बंदी शांति देवी के साथ रह रहे नातिन नैंशी (4) औक नाती निखिल का जेल परिसर के पास उच्च प्राथमिक स्कूल में पहली क्लास में दाखिला कराया है।

जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि दोनों बच्चों को स्कूल ले जाने और वापस लाने के लिए एक महिला जेलवार्डर की ड्यूटी लगाई गई है। उनकी पढ़ाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। परिजनों से भी इसकी अनुमति ली गई है। बच्चों की शिक्षा से परिजन भी खुश हैं। उन्होंने जेल प्रशासन के इस कदम को सराहा है। जेल में बच्चों का शिक्षा से दूर रहने का अंदेशा था।

जेल के भीतर बच्चों की सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है। उनकी समय-समय पर मेडिकल जांच होती है। हर दूसरे और चौथे सप्ताह में जिला अस्पताल से चिकित्सक आते हैं और जांच करते हैं।