
वाराणसी. Gyanvapi Case. वाराणसी जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। वाराणसी जिला न्यायालय के बहुप्रतीक्षित आदेश से मुस्लिम पक्ष इसे किसी जीत से कम नहीं देख रहा। कोर्ट ने मस्जिद के ढांचे की वैज्ञानिक जांच की मांग को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा प्रस्तुत याचिका को खारिज कर अपने आदेश में कहा कि संरचना की कार्बन डेटिंग ‘सूट में शामिल वैधता के सवालों का जवाब नहीं देगी।’
हिंदू पक्ष ने पहले मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान दावा किया था कि ‘वज़ूखाना’ के पास एक ‘शिवलिंग’ पाया गया था, जो मुस्लिम भक्तों द्वारा नमाज़ अदा करने से पहले अनुष्ठान करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक छोटा जलाशय था। मुस्लिम पक्ष ने हालांकि ‘शिवलिंग’ के दावे पर भारी विवाद किया है और कहा है कि वस्तु ‘फव्वारा’ का हिस्सा थी, न कि ‘शिवलिंग’। मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को तर्क दिया कि मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण पर निर्णय अभी भी उच्च न्यायालय के पास लंबित था और इसलिए निचली अदालत को संरचना की कार्बन डेटिंग की अनुमति देने से पहले इंतजार करना चाहिए।
हिंदू पक्ष जाएगा सुप्रीम कोर्ट-
इस सप्ताह की शुरुआत में मुस्लिम पक्ष द्वारा अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के बाद अदालत ने श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी परिसर मामले में सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि अदालत ने कार्बन डेटिंग की हमारी मांग को खारिज कर दिया है। हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां इसे चुनौती देंगे। मैं अभी तारीख की घोषणा नहीं कर सकता, लेकिन हम जल्द ही इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।