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Ghulam Nabi Azad Resigns: गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से क्यों तोड़ा 50 वर्ष पुराना नाता? 5 पन्नों में छलका दर्द और गुस्सा

नई दिल्ली. Ghulam Nabi Azad resigns from Congress- कांग्रेस के लिए कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। कपिल सिब्बल और अश्वनी कुमार जैसे दिग्गज नेताओं के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को न केवल सभी पदों से किनारा कर लिया, बल्कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। गुलाम नबी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से अपनी शिकायतें लिखी हैं। साथ ही कहा है कि भारी मन से करीब 50 वर्षों के संबंध को समाप्त करने का फैसला ले रहे हैं। इस पत्र में उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया। गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

सोनिया गांधी को भेजे 5 पन्नों के इस्तीफे पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब पार्टी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने भाजपा के लिए व प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के स्थान खाली कर दिया है। इसकी वजह है कि बीते 8 वर्षों में नेतृत्व ने एक ऐसे व्यक्ति पर पर पार्टी थोपने का प्रयास किया जो गंभीर नहीं था। उन्होंने कहा कि दरबारियों के संरक्षण में कांग्रेस को चलाया जा रहा है। अब पार्टी देश के लिए, सही चीजों के लिए संघर्ष करने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को धोखा करार देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में कहीं भी, पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी।

नहीं दिख रहा कांग्रेस की वापसी का रास्ता
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज दुर्भाग्य से कांग्रेस में इस स्थिति पर पहुंच गई है कि वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा। पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी23 समूह का हिस्सा रहे आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए। उन्हें अपमानित किया गया। नीचा दिखाया गया। आजाद ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी सहित कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।