
बाराबंकी. Karwa Chauth 2022: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरयू घाघरा नदी का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है। नेपाल के बैराजों से पिछले पांच दिनों से लगातार छोड़े गए पानी से नदी तराई इलाकों में तांडव मचा रही है। वहीं खतरे का निशान को पारकर 123 सेंटीमीटर ऊपर पहुंची सरयू घाघरा नदी इस बार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं के करवा चौथ के व्रत में भी बाधा बन गई है। हालांकि यह भीषण बाढ़ भी इन सुहागिन महिलाओं के हौसले को डिगा नहीं सकी। क्योंकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सुहागिन महिलाएं इस बार बांध पर ही करवा चौथ का व्रत कर पूजा-अर्चना करके अपने-अपने पतियों की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेंगी।
बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं कई गांव
दरअसल बाराबंकी जिले की तीन तहसीलें रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट इन दिनों सरयू घाघरा नदी की बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन तीन तहसीलों की करीब 150 गांवों की दो लाख से ज्यादा आबादी पर तबाही का मंजर है। खेतों में खड़ी फसल और घर में रखा अनाज सब बर्बाद हो चुका है। रेस्क्यू कर हजारों लोगों को तटबंधों पर लाया गया है। जबकि हजारों की आबादी अभी भी पानी से घिरे गांवों के घरों में दुबकी हुई है। ऐसे में सुहागिन महिलाओं के सामने करवा चौथ व्रत को लेकर संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि सभी के घरों में बाढ़ का पानी भर गया है और वह बांध पर शरण लिए हुए हैं।
महिलाएं बांध पर मनाएंगी करवा चौथ
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की यह महिलाएं घरों में पानी भरे होने के कारण परिवार के साथ बांध पर ही रहने का ठिकाना बनाये हुए हैं। हालांकि यह भीषण बाढ़ भी इन सुहागिन महिलाओं के हौसले को डिगा नहीं सकी। यह महिलाएं इस बार बांध पर ही करवा चौथ पूजेंगी। इन महिलाओं का कहना है की असमय आई भीषण बाढ़ के चलते इस बार वह बांध पर ही पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि चाहे जितनी अड़चन आ जाए, लेकिन वह व्रत जरूर रखेंगी।