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PMEGP, MMGRY और ODOP जैसी योजना में करोंड़ों का घोटाला, बिना यूनिट लगे ही बैंक ने पास कर दिया लोन

बाराबंकी. Fraud in Government Schemes: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारों को स्वरोजगार देने और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना (MMGRY) और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना के साथ ही प्रदेश में ODOP यानी एक जनपद एक उत्पाद समेत कई योजनाओं भी चल रही हैं। इन योजनाओं में राज्य और केंद्र सरकार सब्सिडी यानी छूट भी दे रही है। लेकिन फर्जीवाड़े का खेल इन योजनाओं पर इस कदर हावी हो गया है, इसका लाभ हकदारों तक पहुंच ही नहीं पा रहा है। यह योजनाएं बाराबंकी में करप्शन का केंद्र बन गई हैं और इनमें करीब 2 करोड़ का घोटाला सामने आया है।

योजना में करोंड़ों का घोटाला
दरअसल बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार तमाम योजनाओं को बैंक के माध्यम से चला रही है, लेकिन बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से सरकारी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। बाराबंकी जिले में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है। यहां के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक सूरतगंज में योजनाओं में सरकारी धन के दुरूपयोग का मामला सामने आया है। इस बैंक से जब करीब 2 करोड़ रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया तो जिम्मेदारों की नींद टूटी और इस संबंध में अब बैंक के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच शुरू कराई गई है। फिलहाल बैंक की ओर से 20 लोगों को सरकरी धन के दुरुपयोग के संंबंध में नोटिस जारी किया गया है।

बिना यूनिट लगे ही बैंक ने पास कर दिया लोन
ऋण दिलाने के नाम पर योजना में हुई धांधली को लेकर बाराबंकी के पीड़ित अनिल कुमार ने इस संबंध मे जिलाधिकारी बाराबंकी, पुलिस अधीक्षक बाराबंकी सहित क्षेत्रीय प्रबंधक आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। जिसके बाद सूरतगंज आर्यावर्त ग्रामीण के ब्रांच मैनेजर ओमप्रकाश ने ऐसे 20 लोगो को सरकारी धन के दुरूपयोग के संबंध में नोटिस जारी किया है। जहां व्यवसाय चलाने के लिए लिए गए ऋण की यूनिट ही नहीं लगी मिली।

पूर्व मैनेजर पर धोखाधड़ी का आरोप
वहीं वर्तमान बैंक मैनेजर ओम प्रकाश की मानें तो निरीक्षण के दौरान पता चला कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की यूनिट मौके पर लगी ही नहीं और ऋण स्वीकृत हो गया। वहीं जिन लोगों को ऋण स्वीकृति हुआ है उनका कहना है कि पूर्व में बैंक मैनेजर रहे रामलाल और बैंक मित्रों ने धोखाधड़ी करते हुए उनके पैसे हड़प लिए। पूर्व बैंक मैनेजर रामलाल के खिलाफ जांच भी चल रही है। वहीं आरोपों के घेरे में आये पूर्व बैंक मैनेजर रामलाल का अपनी सफाई में कहना है कि जब ऋण स्वीकृति किया गया था तो यूनिट लगाई गई थी।

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक सूरतगंज के मैनेजर ओम प्रकाश का कहना है कि ये सरकारी की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। जिसमें लगभग् 20 लोगों को नोटिस जारी की गई हैं। जिसमें प्रोजेक्ट स्टैब्लिश ही नहीं हुआ, लेकिन लोन यहां से सेंशन हो गया। इन सभी मामलों में करीब 2 करोड़ रुपये के सरकारी धन की बंदरबांट का मामला है। ये करीब 6 से 8 माह पूर्व का मामला है। सभी की जांच की जा रही है। वहीं वही इस संबंध में क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक यू.के. वर्मा का कहना है कि मामला मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अलावा ओडीओपी से जुड़ा हुआ है। इसलिये इसकी उच्च स्तरीय जांच चल चल रही है।