
बाराबंकी. Fisheries: एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लोगों को मछली पालन के लिये प्रेरित कर रही है। तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरकारी तालाबों के आवंटन को लेकर राजस्व और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों पर धांधली करने का आरोप लगा है। यह आरोप कई पीढ़ियों से सिंघाड़े औफ मत्स्य पालन के सहारे जीविका चलाने वालों के साथ साथ ग्रामीणों ने लगाए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी रोजी रोटी खतरे में पड़ गई है। जिसके बाद जिलाधिकारी बाराबंकी डा. आदर्श सिंह के निर्देश पर एसडीएम सदर सुमित यादव ने जांच कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिये हैं।
सरकारी तालाबों के आवंटन में फर्जीवाड़े का आरोप
पूरा मामला बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज के सतरिख थाना क्षेत्र का है। जहां के लोंगो ने बाराबंकी के जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह को दिए गए शिकायती पत्र में राजस्व और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों पर धांधली करने और एक पक्षीय सुनवाई कर तालाबों के आवंटन करने पर सवाल खड़े किए हैं। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी नवाबगंज सुमित यादव ने जांच कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
10 सालों के लिये किये जा रहे आवंटित
दरअसल बाराबंकी जिंले में इन दिनों ग्राम पंचायतों में खाली पड़े सरकारी तालाबों को 10 साल के लिये लेकर गरीबों को आवंटित किये जा रहे हैं। ग्रामीण इसमें मत्स्य पालन करेंगे। लेकिन ग्रामीण सरकारी तालाबों के आवंटन में राजस्व विभाग के साथ ही मत्स्य विभाग पर धांधली और फर्जीवाड़ा करने के आरोप लग रहे हैं। तहसील नवाबगंज के सतरिख से ऐसे तमाम लोगों ने जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह से लिखित शिकायत कर तहसील कर्मचारियों द्वारा मनमानी करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके मत्स्य पालन को लेकर आवंटित किये जाने वाले सरकारी तालाबों में जमकर धांधली हो रही है। शिकायत करने वालो का आरोप है कि बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की तहसील के चक्कर काटने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते पीड़ित निराश हैं।
लोगों को दिया जा रहा मछली पालन रोजगार
आपको बता दे प्राथमिकता के आधार पर सरकार मछुवा समुदाय के लोगों को ग्राम पंचायतों में खाली पड़े सरकारी तालाबों को आवंटित कर रही है। जिससे तालाबों पर हो रहे अवैध कब्जे को भूमाफियाओं के चंगुल से छुड़ाया जा सके और 10 वर्ष के लिए बेरोजगार लोगों को मछली पालन के रूप में रोजगार दिया जा सके। लेकिन ग्रामीणों के आरोपों के मुताबिक तहसील कर्मचारियों द्वारा तालाब आबंटन में जमकर धांधली की जा रही है। मछुवा समुदाय के लोगों का आरोप है कि तहसील के छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारी भी तालाबों के पट्टे की प्रक्रिया में लोगों से सांठगांठ करके मोटी रकम लेकर एक पक्षीय कार्रवाई कर रहे हैं। जिससे तमाम लोगों का रोजगार छिन रहा है और अब इसको लेकर ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है जो लोग कई पीढ़ियों से ग्राम पंचायतों में खाली पड़े तालाबों पर सिंघाड़े और मछली पालन कर रहे थे। उनसे तहसील के लोग रोजगार छीन रहे हैं और ऐसे लोगों को वो फर्जीवाड़ा कर तालाब के पट्टे कर रहे हैं। जिन्हें गांव वाले जानते भी नहीं हैं।
SDM ने जांच के दिये आदेश
फिलहाल DM के आदेश पर उपजिलाधिकारी नवाबगंज सुमित यादव द्वारा कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए गए हैं। एसडीएम सुमित यादव ने बताया कि तहसील आकर कुछ लोगों ने शिकायक की है कि मछली पालन के लिये तालाबों के पट्टे करने में एक पक्षीय कार्रवाई की गई है। जिसके लिये हमने एक जांच टीम गठित की है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।