
बाराबंकी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 (PM Kisan Samman Sammelan 2022) का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) का भी उद्घाटन किया। इस योजना के तहत देश में उर्वरक खुदरा दुकानों को चरणबद्ध तरीके से प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (Pradhanmantri Kisan Samriddhi Kendra) में बदला जाएगा। जिसके तहत बाराबंकी जिले में भी पहला प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खुला है। इसके अलावा पीएम मोदी ने एक राष्ट्र एक उर्वरक का भी शुभारंभ किया।
PMKSK का हुआ उद्घाट
बाराबंकी जिले के कुरौली में खोला गया यह पहला केंद्र जिले के किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करेगा। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के आदेश पर नवरत्ना कंपनी की ओर से यह प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोला गया है। यहां पर किसानों को मिट्टी, बीज, उर्वरक के परीक्षण की सुविधाा मिलेगी। साथ ही इस केंद्र का मूल उद्देश्य किसानों को जागरूक करना, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी प्रदान करना और कई अन्य सुविधाएं प्रदान करना है। इस केंद्र के खुल जाने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। वहीं पारादीप फास्फेट लिमिटेड के द्वारा आयोजित इस केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में जिले के कोने-कोने से किसान आकर शामिल हुए।
किसानों ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
वहीं प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के खुलने पर जिले के किसानों ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस केंद्र के खुलने से उन्हें खेती से संबंधित कई ऐसी जानकारियां मिलेंगी, जो उनके पास नहीं थीं। साथ ही उन्हें यहां योजनाओं की जानकारी और मिट्टी, बीज, उर्वरक के परीक्षण की सुविधाा भी मिलेगी। साथ ही किसानों ने कहा कि भारत उर्वरक के नाम से अब सभी खाद आएंगी, इससे भी उनको काफी सहूलियत मिलेगी।
किसानों को मिलेगी मदद
वहीं केंद्र के संचालक राधेश्याम ने बताया कि इस केंद्र के खुल जाने से किसानों के उर्वरक की समस्या कम हो जायेगी। किसानों को सालोंभर आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित दर पर खाद मिलेगी। इस केंद्र में खाद स्टॉक में हमेशा मौजूद रहेगी। इसके अलावा बाराबंकी के उप निदेशक कृषि श्रवण कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोलने का मूल उद्देश्य किसानों को अच्छा बीच, उर्वरक मिले। साथ ही किसानों को खेती की नई-नई तकनीकि बताई जा सके। जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सके।