
बाराबंकी. Family Court: जनपद बाराबंकी की जिला एवं सेशंस न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई थी। जिसमें कोर्ट में चल रहे सैकड़ों विवादों का आपसी समझौता करवाया गया। विवादों का निस्तारण करवाने में काउंसलर और न्यायधीशों का बड़ा योगदान रहा। जिला न्यायालय में अलग अलग बेंच और फैमिली कोर्ट के सैकड़ों विवादों का निस्तारण करवाया गया, जो सालों से कोर्ट में चल रहे थे। इनमें से ऐसा मामला भी रहा, जिसमें पति-पत्नी बीते 22 सालों से अलग रह रहे थे और अब साथ रहने को तैयार हो गये।
22 साल बात सुलझा मामला
दरअसल अक्सर देखने को मिलता है कि पति-पत्नी में मामूली झगड़ों से शुरुआत होती है और वह इतना बड़ा रूप ले लेती है कि दोनों को अलग-अलग हो जाना पड़ता है। ऐसे में लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से भी काफी दिक्कतें होती हैं। साथ ही बच्चे भी काफी परेशानियों का सामना करते हैं, लेकिन जब इन विवादों का लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निस्तारण करा दिया जाता है। तो लोगो में काफी खुशी मिलती है। ऐसा ही खुशनुमा नजारा बाराबंकी में भी देखने को मिला। जब सालों से लंबित चल रहे करीब 70 मामले यहां आपसी समझौते के आधार पर हल करा दिये गये। इनमें 22 साल पुराना मामला भी निस्तारित किया गया, जिसके बाद पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गये। दोनों के सुलह से उनके परिजन इतना खुश हुए कि उनकी आंखें भर आई वह उनके बच्चों को गले से लगाकर फूट-फूटकर रोये।
70 मामलों में हुआ समझौता
जिला न्यायाधीश रविन्द्र नाथ दुबे इस दौरान न्यायालय परिसर में हो रहे आपसी समझौते की हकीकत जानने के लिए लगातार निरीक्षण में लगे रहे। सबसे बड़ी खुशी लोगों को उस वक्त हुई जब फैमिली कोर्ट में कई वर्षों से पति पत्नी के विवादों का निस्तारण हुआ। बातचीत के दौरान सामाजिक कार्यकत्री और प्रोफेशनल काउंसलर डॉ इंदु सुभाष ने बताया कि फैमिली कोर्ट में आज 70 मामलों में आपसी समझौता हो गया। ये वह पारिवारिक मामले थे, जिसमें पति-पत्नी के साथ सबसे ज्यादा बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा था। हालांकि आज जब ऐसे मामलों का निस्तारण हुआ और जब पति पत्नी एक साथ रहने को राजी हुए तो तमाम लोगों के आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने बताया ऐसे कई केसों का आज निस्तारण हुआ, जिनमें कुछ केस 2015 के थे और कुछ 22 साल पुराने थे।