Thursday , June 1 2023

दुनिया में टीबी का हर चौथा रोगी भारतीय और देश का हर पांचवां टीबी रोगी यूपी का : डॉ. सूर्यकान्त

लखनऊ. भारत से टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। क्षय रोग उन्मूलन के लिए समय-समय पर विशेष अभियान भी चला जाते हैं। इंटरनेशनल यूनियन अंगेस्ट टीबी एंड लंग डिजीजेस (यूनियन) क्षय रोग के क्षेत्र में कार्यरत अंतरराष्ट्रीय संस्था है। संस्था के तत्वावधान में ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी के उपचार के लिए देश में सात सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किये जा रहे हैं, जिसमें किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) का रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग भी शामिल है। संस्था द्वारा यहाँ चिकित्सक, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टॉफ और शोधार्थी के लिए दो दिवसीय (6 व 7 अक्टूबर) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के टीबी उन्मूलन की स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. सूर्यकान्त प्रशिक्षण कार्यशाला के समन्वयक हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया में प्रतिवर्ष एक करोड़ टी.बी. के नये रोगी सामने आते हैं, जिनमें से 26 लाख भारत के होते हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश के पांच लाख से अधिक होते हैं। इस तरह दुनिया में टीबी का हर चौथा रोगी भारतीय और भारत का हर पांचवां टीबी रोगी यूपी का होता है। डा. सूर्यकान्त ने बताया कि भारत में क्षय उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 का लक्ष्य रखा है। नौ सितम्बर 2022 को राष्ट्रपति ने ‘टी.बी. मुक्त भारत अभियान’ प्रारम्भ किया है। उप्र की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल द्वारा टी.बी. रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम उप्र में पहली बार प्रारम्भ किया गया था, जो अब एक राष्ट्रीय कार्यक्रम बन चुका है।