
मुंबई. शिवसेना नेता संजय राउत की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुंबई के उनके घर पर सुबह सात बजे दस्तक दे दी। 1034 करोड़ रुपए के पतरा चाल भूमि घोटाले में संजय राउत से पूछताछ हो रही है। मामले में उनको पहले ईडी के सामने पेश होना था। लेकिन कई बार बुलाने पर वह पेश नहीं हुए। अब सुबह-सुबह टीम उनके घर पहुंच कर उनसे पूछताछ हो रही है। हालांकि इससे पहले भी ईडी एक बार करीब दस घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। कई शिवसेना कार्यकर्ता उनके घर के बाहर पहुंच प्रदर्शन करन लगे हैं। वह केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
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सभी कमरों की ली गई तलाशी-
ईडी की ओर से करीब दर्जन भर अफसर उनके घर पहुंचे हैं। इस दौरान पहले सभी कमरों की तलाशी ली गई। जरूरी दस्तावेजों को खंगाला गया। राउत के दो करीबियों के घर भी कार्यवाही की जा रही है। उनके परिवार वालों से पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि संजय राउत को गिरफ्तार तक ईडी दफ्तार लाया जा सकता है। वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच उन्होंने ट्वीट किया व लिखा, ‘शिवसेना और महाराष्ट्र लड़ते रहेंगे। यह झूठी कार्रवाई है। झूठी सबूत जुटाए जा रहे हैं। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मर भी जाऊं तो सरेंडर नहीं करूंगा। संघर्ष जारी रहेगा।’
क्या है मामला-
संजय राउत को 27 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया था। लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। घोटाले की यदि बात करें, तो ईडी के मुताबिक पतरा चाल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा व गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्ट HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान व प्रवीण राउत थे। कंपनी पर आरोप है कि उसने म्हाडा को गुमराह कर वहां की एफएसआई पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेचकर 901 करोड़ जमा किए, फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर 138 करोड़ रुपये फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले। लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नहीं दिया गया। इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए।
ED का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के निर्देश प्रवीण राउत को 100 करोड़ रुपये दिए जिसमें से प्रवीण राउत ने 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को दिए थे, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है।