
लखनऊ. कोरोना महामारी के इस दौर में ज्यादातर लोग अवसाद का शिकार हो रहे हैं। खासकर महिलाएं कोविड के कारण या फिर अन्य किसी स्वास्थ्य कारण से वह तनाव से घिरी रहती हैं। ऐसी महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) से ग्रसित हो जाती हैं। आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा बताती हैं कि पीसीओडी एक प्रजनन संबंधी बीमारी है। हर पांच में एक महिला इस बीमारी से ग्रसित है।
फर्टिलिटी एक्सपर्ट बताते हैं कि तनाव के दौरान गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जिससे बहुत तेजी के साथ महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित होती है। तनाव और फर्टिलिटी के बीच बहुत सारे सर्वे हुए हैं, जिसमें खुलासा हुआ है कि यदि प्रजनन उम्र की महिलाओं का जीवन तनाव के बीच गुजरता है तो उनमें बच्चे पैदा करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में महिला के गर्भवती होने की संभावना भी कम हो जाती है। बच्चा पैदा करने के लिए महिला का जीवन तनाव मुक्त होना चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो उन्हें कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
किस उम्र की महिलाओं को सबसे ज्यादा होता है पीसीओडी?
आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने खास बातचीत में बतायाकि पीसीओडी होने की सबसे ज्यादा संभावना प्रजनन उम्र की महिलाओं को होती है। जिनकी शुरुआती उम्र 20 होती है औ 45 के आसपास होती है। ऐसे में प्रजनन विशेषज्ञ परामर्श करते है कि इस उम्र में यदि पीरियड्स मिस होते है तो तुरंत डॉक्टर से बात करके उसका उपचार लेना बहुत ही जरुरी है। लड़कियां एवं महिलाएं पीसीओडी के शुरुआती लक्षणों को ध्यान में रखकर तुरंत उसका निदान करे और भविष्य में आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।
तनाव कैसे महिला फर्टिलिटी को प्रभावित करता है?
- तनाव ग्रसित महिलाएं संबंध बनाने में कम रुचि लेती हैं
2. तनाव के कारण महिलाएं गलत आदतों का भी शिकार हो जाती है, जैसे तंबाकु और शराब आदि
- तनाव के कारण महिलाओं के हार्मोन असंतुलित हो जाते है, जिससे पीसीओडी की समस्या आती है
- तनाव के कारण महिलाओं का यौन जीवन खराब हो जाता है
तनाव से महिलाओं के चेहरे में झुर्रियां और मुंहासे हो सकते है, जो पीसीओडी के कारण हैं- तनाव के चलते महिला का मस्तिष्क, पट्युरी और ओवरी के बीच ठीक से संबंध स्थापित नही हो पाता है
- खराब जीवनशैली के कारण महिलाओं में अक्सर , ए़़डोनोमायोसिस, एंडोमेट्रोयासिस और हाइड्रोसाल्पिंक्स होता है जो महिलाओं में इनफर्टिलिटी की दर बढ़ाते हैं