
लखीमपुर खीरी. जिले की तिकुनिया हिंसा कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को जमानत मिलते ही उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब तीखे शब्दबाण छोड़े। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पूरी व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इसे ब्राम्हणों को खुश करने कोशिश करार दिया। किसान नेता राकेश टिकैत भी आशीष को जमानत मिलने पर खासे नाराज दिखे। आशीष के वकील ने बताया कि ज़मानत अर्ज़ी पर बहस के दौरान हमने कहा था कि आशीष मिश्रा को झूठा फंसाया गया है, वे मौके पर मौजूद नहीं थे।
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया हिंसा कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को गुरुवार को जमानत मिल गई। यह आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया। कोर्ट ने 18 जनवरी 2022 को आशीष की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा था। बताया जा रहा है कि बेल बांड भरने के बाद आशीष जेल से रिहा होगा। 03 अक्टूबर को तिकुनिया हिंसा मामले में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। मामले में एसआईटी ने सीजेएम कोर्ट में 05 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाते हुए 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। चार्जशीट के मुताबिक, सोची समझी साजिश के तहत धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप और एसयूवी से कुचला गया था।
आशीष मिश्रा के वकील बोले
लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आशीष मिश्र कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दो दिनों में जेल से बाहर आ सकते हैं। किन दलीलों पर आशीष को कोर्ट ने जमानत दी है इसके सवाल पर सलिल कुमार ने बताया, हमने अभी फैसला नहीं पढ़ा है।
प्रियंका गांधी के तीखे तीर
लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिलने पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, जिसने 6 किसानों को कुचला, उसके पिता को मंत्री पद से क्यों नहीं हटाया? नरेंद्र मोदी ने इस्तीफा क्यों नहीं मांगा? आज उस लड़के को जमानत मिल गई। वह फिर से आजाद घूमेगा। प्रधानमंत्री पद की एक नैतिक जिम्मेदारी होती है। उसे निभाना होता है। वह धर्म सब धर्म से परे होता है। जो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता, उसे हटाओ।
इसके बाद प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, कि सत्ता के सरंक्षण में मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचला। सत्ता ने किसानों की न्याय को आस को कुचला। आज पूरे देश के किसान दुखी हैं, गुस्से में हैं। मेरे किसान भाइयों-बहनों कांग्रेस पार्टी न्याय की आवाज दबने नहीं देगी। न्याय के लिए हम आपके साथ मिलकर संघर्ष करेंगे।
राजभर ने साधा निशाना
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ”गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को जमानत मिल गई है, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर और लखीमपुर खीरी में जो किसान मारे गए, उन्हें न्याय नहीं मिला है। जब भी बीजेपी का व्यक्तिगत हित होता है, तो उस व्यक्ति को बेल मिल जाती है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी जानती है कि वह चुनाव हार रही है। इसलिए वह ब्राह्मणों का वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, वह समुदाय को दिखाना चाहते हैं कि उनके प्रयासों के तहत यह जमानत मिली है।
अखिलेश का ट्वीट, खबरदार रहना…
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, “ख़बरदार रहना ज़ुल्मी हुकूमत की सियासत से, उनके पाले-पोसे बाहर आ रहे हैं हिरासत से” वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “क्या व्यवस्था है!! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में ज़मानत…”
क्या बोले राकेश टिकैत?
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने पूछा है कि क्या कोई सामान्य आदमी होता तो उसे इतनी जल्दी जमानत मिल जाती? इतने गंभीर मामले में इतनी जल्दी जमानत मिलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने इस बात को प्रदेश में भाजपा के खिलाफ प्रचारित करने की बात कही है। कहाकि कोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं कह सकते।