
लखनऊ. राजधानी लखनऊ के लेवाना होटल में हुए अग्निकांड में 4 लोगों की दर्दनाक मौत गई जबकि दो दर्जन से अधिक घायल हुए हैं। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के दिल हज़रतगंज में योगी सरकार की नाक के नीचे चल रहे अवैध होटल लेवाना सुइट्स में दुःखद अग्निकांड में 4 लोगों की मौत और 16 लोगों के घायल होने की दर्दनाक दुर्घटना सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह चार सितारा होटल मुख्यमंत्री आवास और उनके कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है। यहीं पर राजधानी के तमाम आला अधिकारियों एवं मंत्रियों के आवास हैं। फिर भी होटल लेवाना सुइट्स एलडीए से बगैर नक्शा पास हुए कैसे संचालित हो रहा था? एलडीए द्वारा इस स्थान पर आवासीय नक्शा पास किया गया था फिर वहां पर होटल कैसे बनाने दिया गया? यह होटल पांच वर्षों तक कैसे संचालित होता रहा? इस पर कार्यवाही किसके कहने पर नहीं की गयी? अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी किसके कहने पर दी गयी? पांच वर्षों तक फायर विभाग उक्त होटल पर कार्यवाही क्यों नहीं कर पाया? बिजली विभाग द्वारा अवैध होटल के लिए बिजली कनेक्शन कैसे स्वीकृत किया गया? होटल में चल रहे बार के लिए बगैर नक्शा पास हुऐ किसने दिलवाया आबकारी विभाग से लाइसेंस? नगर निगम एवं जल विभाग ने किसके कहने पर नहीं की आवश्यक कार्यवाही। उक्त विभागों के मंत्रियों ने क्यों नहीं निभाई अपनी जिम्मेदारी?
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि इस दुःखद घटना के पीछे शासन-प्रशासन का आकंठ भ्रष्टाचार है, जिसमें सरकार के तमाम विभाग और मंत्रालय शामिल हैं। इसमें लविप्रा किस मंत्रालय के अधीन आता है यह सर्वविदित है। अग्निशमन एवं ऊर्जा विभाग किस मंत्री के अधीन है यह भी सबको ज्ञात है। जिस तरह का भ्रष्टाचार इस होटल के निर्माण एवं संचालन में किया गया है उससे यह कहा जा सकता है कि यह हादसा नहीं बल्कि गिरोहबंद कत्ल है। इस होटल को तीन तरफ से लोहे की चद्दरों से घेर दिया गया था जिससे यह पूरी तरह लाक्षागृह में बदल गया था। इसलिए जिन लोगों की जान गई है अगर नियमों एवं मानकों का पालन किया गया होता तो सभी 4 जानें बच जातीं क्योंकि तब यह होटल अस्तित्व में ही नहीं आता।

2018 में चारबाग के होटल में आग लगने 7 लोगों की हुई थी मौत
यूपी कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 19 जून 2018 को चारबाग के एसएसजी इंटरनेशनल तथा विराट होटल में भीषण आग लगी थी जिसमें सात लोगों की जलकर मौत हो गयी थी जबकि कई झुलस गये थे। तब भी उस घटना की जांच और सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। तत्कालीन एडीजी तथा लखनऊ लविप्रा के उपाध्यक्ष ने जांच कर कुछ अभियंताओं के खिलाफ कार्यवाही की बात की थी। लेकिन इसमें से तमाम अभियंता बचे रह गये, होटल लेवाना की घटना में भी इन्हीं मे से तमाम अभियताओं एवं अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। यदि वर्ष 2018 की घटना की सख्ती से जांच और कार्यवाही सुनिश्चित की गयी होती तो आज इसमें से कई अभियंता जेल में होते और यह दुखद अग्निकांड भी नहीं होता। तमाम परिवार इस दुःखद त्रासदी से बच जाते।
इन्होंने राजधानी को मौत के टीले में बदल दिया: कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस दुर्घटना में जिन धाराओं में होटल मालिकों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज हुए हैं उन्हीं धाराओं में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ भी मुकद्दमे दर्ज होने चाहिए। यह सभी इस घोर पाप में बराबर के भागीदार हैं। भ्रष्टाचार इनकी नसों में दौड़ रहा है। विभागीय मंत्रियों की भी जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए क्योंकि उनकी मिलीभगत के बगैर इतने लंबे समय तक चार सितारा होटल का संचालन सरकार की नाक के नीचे संभव ही नहीं है। इन सभी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। इन्होंने राजधानी को मौत के टीले में बदल दिया है। होटलों में आग की तमाम घटनाएं योगी सरकार में हुईं हैं और हर बार जांच और सख्ती के बड़े बड़ें दावे किए गए लेकिन कार्यवाही के नाम पर महज लीपापोती ही हुई है।
बेनकाब हुआ सीएम योगी का चेहरा: उमाशंकर पांडेय
प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौके पर पहुंचे फायर विभाग के कर्मचारियों के पास सुरक्षा के उपकरण तक नहीं थे। आवश्यक उपकरण के अभाव में वह अंदर जाने के लिए जूझते रहे। इसमें से कई बहादुर कर्मचारियों ने अपनी जान की भी परवाह न करते हुए लोगों को बचाने का भरसक प्रयास किया। लोगों के बचाने के प्रयास में सात दमकलकर्मी भी घायल हो गये। उन्होंने कहा कि इस घटना से आर्थिक समृद्धि के तमाम बड़े-बड़े दावे करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री में नैतिकता है तो घटना की समयबद्ध न्यायिक जांच करायें। जिससे सभी शामिल शासन-प्रशासन के लोगों को सख्त से सख्त सजा मिल सके। उन्होंने मृतकों के परिजनों एवं घायलों को उचित आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की भी मांग की है।
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