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सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावितों को बांटी राहत सामग्री, कहा- संवेदना और सहयोग का सही वक्त, मंत्रियों और अफसरों को दिये ये निर्देश

लखनऊ. बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। पानी भरने की वजह से खेत में खड़ी मक्का, धान व अन्य फसलें गिर गई हैं। असमय बारिश की वजह से कई लोगों की मौत हुई हुई है तो कइयों के आशियाने जमींदोज हो गये हैं। प्रदेश के करीब 18 जिलों के करीब 1500 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अन्नदाता उम्मीद भरी नजरों से सरकार की ओर देख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी किसानों के नुकसान का भान है। इसीलिए बुधवार को उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक में भारी बारिश से उपजी परिस्थितियों की समीक्षा, साथ ही खुद बलरामपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। अपने हाथों से राहत सामग्री का वितरण किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिये। मंत्रियों से भी लोगों के बीच जाने की अपील की। कहा कि संवेदना और सहयोग का यह सही समय है। सरकार, शासन और प्रशासन के लोग एकजुट होकर प्रभावित लोगों की मदद करें। ताकि आमजन को तत्काल मदद पहुंच सके। समय से राहत पैकेट वितरित हों और राहत शिविरों में प्रकाश के पर्याप्त प्रबंध हों।

मुख्यमंत्री योगी ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। साथ ही सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए जरूरत के मुताबिक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए। साथ ही बारिश से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने और एडीएम-जॉइंट मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जिलों में कंट्रोल रूम को 24×7 क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में अत्यधिक बरसात से जनजीवन, पशुधन और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। कई जनपदों में जन-धन हानि की सूचना मिली है। राज्य सरकार सभी प्रभावित जनों की सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए जरूरी प्रबंध करने को प्रतिबद्ध है।

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