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सरकारी क्लर्क नहीं पहचान पाया फोन पर स्मृति ईरानी की आवाज, फिर लिया गया यह एक्शन

अमेठी. अमेठी की सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फोन पर आवाज पहचानना एक लेखपाल (सरकारी क्लर्क) को भारी पड़ गया। अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने के आरोप में अब उसके खिलाफ जांच की जा रही है। मुसाफिरखाना तहसील के पुरे पहलवान गांव के निवासी करुणेश (27) ने आरोप लगाया है कि 27 अगस्त को स्मृति ईरानी को एक शिकायत पत्र दिया था, जिसमें कहा गया था कि उनके पिता, एक शिक्षक की मृत्यु के बाद, उनकी मां सावित्री देवी पेंशन की हकदार हैं। पर उसकी पेंशन अटक गई थी क्योंकि क्लर्क दीपक ने सत्यापन पूरा नहीं किया।

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स्मृति ईरानी ने किया फोन-

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने तब क्लर्क को फोन किया, लेकिन वह उन्हें पहचान नहीं पाए। अमेठी के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकुर लथर का कहना है कि करुणेश के पत्र के अनुसार, मुसाफिरखाना लेखपाल दीपक की ओर से यह ढिलाई का मामला है और उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया है। सीडीओ ने कहा कि अनुमंडल दंडाधिकारी मुसाफिरखाना को मामले की जांच करने को कहा गया है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

नहीं पहचान सके-

करुणेश की शिकायत पर शनिवार को जब केंद्रीय मंत्री ने लेखपाल को फोन किया तो वह उन्हें पहचान नहीं सके। इसके बाद सीडीओ ने मंत्री से फोन लिया और लेखपाल को कार्यालय में मिलने को कहा। लेखपाल मुसाफिरखाना तहसील अंतर्गत गौतमपुर ग्राम सभा में पदस्थापित हैं।