
लखनऊ. UP Elections 2022 के तीसरे चरण में 60.46 फीसदी मतदान हुआ है जो 2017 (62.21%) के मुकाबले करीब दो फीसदी कम है। पिछले तीन विधानसभा चुनाव के नतीजों का आंकलन करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ है। 2007 में करीब 50 फीसदी मतदान हुआ था और तब बसपा सत्ता में आई थी। 2012 के विस चुनाव वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 59.79 फीसदी हो गया तो बसपा सत्ता से बाहर हो गई और प्रमुख प्रतिद्वंदी पार्टी सपा ने सरकार बनाई। ऐसे ही 2017 में जब पिछले चुनाव के मुकाबले तीन फीसदी वोट बढ़े तो समाजवादी पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई और भाजपा ने भारी जीत दर्ज की। इस चुनाव में भाजपा को तीसरे चरण की 59 में से 49 सीटें मिली, जबकि 2012 में 37 सीटें पाने वाली सपा मात्र 08 सीटों पर सिमट गई। ऐसे ही 2007 में बसपा को इस चरण की 28 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन 2012 में जब वोट प्रतिशत बढ़ा तो बसपा लुढ़ककर 10 पर पहुंच गई।
2022 में भले ही 2017 के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत में कमी दिखी है, लेकिन राजनीतिक जानकार नहीं मानते कि इसमें बीजेपी के लिए खुश होने जैसी कोई बात है। उनका मानना है कि 2017 की स्थिति अलग थी और इस बार की अलग। तब अखिलेश परिवार के लड़ाई से जूझ रहे और राज्य में मोदी की लहर थी, लेकिन इस बार पूरा परिवार अखिलेश यादव के साथ है और बीजेपी की लहर जैसी कोई चीज नहीं है। इसके उलट कहीं-कहीं एंटी एनकमबेंसी का असर जरूर दिखा है।
यादव-मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में खूब वोटिंग
तीसरे चरण के टॉप पांच मुस्लिम आबादी वाले जिलों की बात करें तो पहला नंबर कन्नौज का है, जहां 62 वोट पड़े। दूसरा नंबर कानपुर नगर का है जहां 51 फीसदी, फर्रुखाबाद में 55 फीसदी, फिरोजाबाद में 58 फीसदी और हाथरस में 59 फीसदी मतदान हुआ है। ये जिले मुस्लिम के साथ यादव बहुलता वाले जिले हैं। जानकारों की मानें तो तीसरे चरण वाले 59 विधानसभा क्षेत्रों में पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं रहने वाला। खासकर बृज और अवध क्षेत्र में। बुंदेलखंड में मुकाबला कांटे का दिख रहा है।
बसपा फैक्टर अहम
बृज क्षेत्र के कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, और हाथरस जिलों की 19, अवध के 6 जिलों कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज और इटावा की 27 और बुंदेलखंड क्षेत्र के 5 जिलों झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा में 13 सीटों पर चुनाव हुए हैं। इस चरण में यादव वोट अहम हैं जबकि 16 में 09 जिले ऐसे हैं जहां अनुसूचित जाति की आबादी करीब 25 फीसदी है। यादव बेल्ट, दलित और मुस्लिम बाहुल्य जिलों में बढ़ा मतदान प्रतिशत बताता है कि इस चरण में बसपा फैक्टर भी अहम रहने वाला है।
अब तक 172 सीटों पर मतदान
यूपी में तीसरे चरण के चुनाव के बाद अब तक प्रदेश की कुल 403 सीटों में से 172 सीटों पर मतदान हो चुका है। 2017 में इन 172 सीटों में 140 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा था, लेकिन इस बार विपक्ष कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। चुनाव के नतीजे भले ही 10 मार्च को आएंगे, लेकिन सियासी गलियारों में अभी से हार-जीत विश्लेषण शुरू हो गया है।