
लखनऊ. MLC Chunav 2022- विधानसभा के बाद अब यूपी विधान परिषद में भी बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सपा के कई किले ध्वस्त कर दिये, लेकिन अपने ही गढ़ में मिली हार ने भाजपाइयों की जीत का जश्न फीका कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सीट पर भाजपा तीसरे नंबर पर रही। यहां माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 वोटों से सपा कैंडिडेट उमेश यादव को हरा दिया। बीजेपी कैंडिडेट सुदामा पटेल तीसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा पूर्वांचल की दो सीटें मऊ-आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह जीत गये जबकि आजमगढ़-मऊ सीट पर भाजपा प्रत्याशी को भाजपा के बागी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत से हार मिली।
यूपी विधान परिषद की 36 में 33 सीटें जीतकर भाजपा ने अपना परचम फहराया है। तीन सीटें निर्दलीयों को मिली हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका। इस चुनाव में लड़ाई इतनी एकतरफा रही कि 20 उम्मीदवार एक हजार वोटों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाये, जिनमें से 05 सपा के हैं। वोटिंग से पहले ही बीजेपी ने निर्विरोध 09 सीटें जीत ली थीं। भाजपा के शानदार जीत के स्वाद को बनारस ने खट्टा कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की सीट पर भाजपा तीसरे नंबर पर रही। यहां माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 वोटों से सपा कैंडिडेट उमेश यादव को हरा दिया। बीजेपी कैंडिडेट सुदामा पटेल तीसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा पूर्वांचल की दो सीटें मऊ-आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।
अब नहीं अटकेंगे सपा के कई बिल
यूपी की राजनीति के इतिहास में करीब साढ़े तीन दशक बाद पहली बार ऐसा मौका आया है जब सत्तारूढ़ दल को कार्यकाल की शुरुआत में ही दोनों सदनों में बहुमत मिल गया हो। 100 सीटों वाली यूपी विधान परिषद में भाजपा की सीटें 66 हो गई है, जिसके अब तय हो गया है कि योगी सरकार के बिल अब विधान परिषद की दहलीज पर नहीं अटकेंगे।
जुलाई तक खाली हो रही हैं 21 सीटें
2017 में जब भाजपा सत्ता में आई थी तो विधान परिषद में उसके पास महज 07 सीटें थीं, जबकि सपा 58 सीटों पर काबिज थी। मनोनयन कोटे की 06 सीटें मई तक और विधायक कोटे की 15 सीटें जुलाई तक खाली हो जाएंगी। इनमें से 16 सीटों पर बीजेपी की जीत तय है। ऐसे में जुलाई तक भाजपा के पास उच्च सदन में 82 सीटें हो जाएंगी।
ये निर्विरोध जीते (सभी भाजपा)
बदायूं- बागीश पाठक
हरदोई- अशोक अग्रवाल
खीरी- अनूप कुमार गुप्ता
मिर्जापुर-सोनभद्र- श्याम नारायण सिंह
मथुरा-मैनपुरी-एटा (दो सीटें)- आशीष कुमार यादव, ओम प्रकाश
बांदा-हमीरपुर- जितेंद्र सिंह सेंगर
अलीगढ़- ऋषिपाल सिंह
बुलंदशहर- नरेंद्र सिंह भाटी
जीत के बाद क्या बोले योगी-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जीत एक बार फिर भाजपा के विकास मॉडल पर जनता-जनार्दन के विश्वास की अभिव्यक्ति है। योगी जी व कार्यकर्ताओं को जीत की शुभकामनाएं। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधान परिषद चुनावों में भाजपा की प्रचंड विजय ने पुन: स्पष्ट कर दिया है कि पीएम के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की जनता, राष्ट्रवाद, विकास व सुशासन के साथ है।
लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को तार करने में लगी है भाजपा: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा को संविधान, लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की प्रक्रिया में जरा भी विश्वास नहीं है। यह सत्ता में बने रहने के लिए संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ ही लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को भी तार-तार करने में लगी है। एमएलसी चुनाव चुनाव में भी भाजपा ने यही किया है।
यूपी विधान परिषद में संख्या बल
भाजपा- 66
समाजवादी पार्टी- 17
बसपा- 04
कांग्रेस- 01
अपना दल (एस)- 01
निषाद पार्टी- 01
जनसत्ता दल- 01
शिक्षक दल (गैर राजनीतिक)- 02
निर्दलीय- 04