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भाजपा में यूपी को इसलिए दी जा रही है तरजीह, लक्ष्मीकांत बाजपेयी व राधामोहन अग्रवाल के जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश

File Photo- लक्ष्मीकांत बाजपेयी और डॉ. राधामोहन अग्रवाल

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर उत्तर प्रदेश का दबदबा बढ़ा है। शुक्रवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने 15 प्रदेशों के प्रभारियों व सहप्रभारियों की सूची घोषित कर दी। इस सूची में छह नाम यूपी से हैं। इनमें राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी, डॉ. राधामोहन अग्रवाल, अरुण सिंह, सांसद डॉ. महेश शर्मा, रामशंकर कठेरिया और हरीश द्विवेदी द्विवेदी को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि उत्तर प्रदेश उसके लिये कितना अहम है। साथ ही लक्ष्मीकांत बाजपेयी व डॉ. राधामोहन अग्रवाल का कद बढ़ाकर कार्यकर्ताओं व नेताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है, पार्टी आलाकमान को सबकी फिक्र है। समय आने पर सभी का ख्याल रखा जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी ने लक्ष्मीकांत बाजपेयी को झारखंड का, अरुण सिंह को राजस्थान का और डॉ. राधामोहन अग्रवाल को लक्षद्वीप का प्रभारी बनाया गया है। साथ ही उन्हें केरल का सहप्रभारी भी बनाया गया है। गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा को त्रिपुरा और इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया को मध्यप्रदेश का सह प्रभारी बनाया है, जबकि बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी को बिहार का सह प्रभारी बनाया गया है।

इन दो नेताओं को मिला बड़ा ईनाम
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी और डॉ. राधामोहन अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी बनाकर उनका कद बढ़ाया है। 2016 में यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटने के बाद से लक्ष्मीकांत बाजपेयी हाशिये पर चल रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें विपक्षी दलों को भाजपा में शामिल कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसमें वह काफी सफल रहे। इसके बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में मुख्य सचेतक भी नियुक्त किया। अब झारखंड का प्रभार मिला है। ऐसे ही डॉ. राधामोहन अग्रवाल को पहले राज्यसभा भेजा गया। अब लक्षदीप का प्रभार और केरल का सह प्रभार देकर उनका कद बढ़ाया गया है। गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक डॉ. राधामोहन अग्रवाल का टिकट काटकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर सदर से भाजपा प्रत्याशी बनाया था।

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