Thursday , June 1 2023

थाईलैंड और म्यांमार में मिल रही है नौकरी? हो जाएं सावधान, इस बड़े रैकेट को लेकर जारी हुआ अलर्ट

नई दिल्ली. थाईलैंड और म्यांमार में भारतीय आईटी पेशेवरों को लुभाने वाले फर्जी नौकरी के रैकेट की खबरों के बाद केंद्र ने शनिवार को भारतीय युवाओं को थाईलैंड में ‘डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव’ के पदों पर शामिल करने के लिए आकर्षक नौकरी की पेशकश पर एक सलाह जारी की हैं। इसमें संदिग्ध आईटी कंपनियां के बारे में बताया गया है, जो कॉल-सेंटर घोटाले और क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी में शामिल थीं।

फर्जी जॉब कॉल से सावधान-

दो दिन पहले विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी भारतीय नागरिकों से थाईलैंड में नौकरी करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा था, क्योंकि दर्जनों भारतीयों को अवैध रूप से म्यांमार में रोजगार रैकेट के हिस्से के रूप में लाया गया था। बागती ने कहा कि आप जानते हैं कि स्थानीय सुरक्षा स्थिति के कारण उस क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल है। बहरहाल, देश में हमारे मिशन के कारण हम इनमें से कुछ पीड़ितों को कैद या मजबूर श्रम से बचाने में सक्षम हुए हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि दूसरों की भी मदद हो।

यूं फंसाया जाता हैं-

आधिकारिक परामर्श में आज कहा गया कि टारगेट ग्रुप्ट आईटी कुशल युवा हैं, जिन्हें सोशल मीडिया विज्ञापनों के साथ-साथ दुबई और भारत स्थित एजेंट्स थाईलैंड में आकर्षक डेटा एंट्री जॉब्स के नाम पर ठगते हैं। विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि पीड़ितों को कथित तौर पर अवैध रूप से सीमा पार से म्यांमार ले जाया जाता है और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है।

कंपनी में बारे में पहले खूब जान लें-

सरकार ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य स्रोतों के माध्यम से जारी किए जा रहे ऐसे फर्जी नौकरी के प्रस्तावों में न फंसें। इसमें कहा गया है कि रोजगार उद्देश्यों के लिए पर्यटक/विजिट वीजा पर यात्रा करने से पहले भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे विदेश में संबंधित मिशनों के माध्यम से विदेशी इम्प्लॉयर्स की सत्यता की जांच/सत्यापन करें, और किसी भी नौकरी की पेशकश करने से पहले भर्ती एजेंटों के साथ-साथ किसी भी कंपनी के इतिहास की जांच करें।

म्यांमार में भारतीय दूतावास ने हाल ही में थाईलैंड में नौकरी का वादा करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट का शिकार हुए 60 में से 30 से अधिक भारतीयों को म्यावाडी इलाके में बचाया गया।