लखनऊ. Bank Strike today. सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग लॉज अमेंडमेंट बिल 2021 (Banking Laws Amendment Bill 2021) पेश होना है। इसके विरोध में युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक युनियन (United Forum of bank union) ने देश भर में दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। करीब दस लाख बैंक कर्मियों ने इसमें हिस्सा लिया है। गुरुवार 16 दिसंबर को हड़ताल का पहला दिन था। इसको लेकर लखनऊ की एसबीआई शाखा के पास बैंक कर्मियों ने इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया, पैदल मार्च निकाला। साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह बिल लाया गया तो वे किसान आंदोलन की तरह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।
सरकार की चूल से चूल बजा देंगे-
आर्यवत बैंक स्टाफ एसोसिएशन के जेनेरल सेक्रेटरी ओएन टंडन ने सरकारी बैंकों को महत्ता को बताया कि गरीब तबके के किसान व अन्य लोग सरकारी बैंकों में ही अपना खाता खुलवाते हैं। उनका कहना है जब प्राइवेट बैंक इतने ही अच्छे हैं, तो सभी योजनाओं को सरकारी बैंकों को माध्यम से ही लागू किया जाता है। चुनाव के दौरान जन धन व अन्य योजनाओं का बखान जो सरकार करती है और उससे चुनाव जीतती है, वह हमारे बैंकों से ही होती है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जैसे किसान यूनियन ने सरकार की ऐसी की तैसी कर दी, वैसे अब बैंक कर्मी भी सरकार की चूल से चूल बजा देगी।
गरीब तबके को होगी भारी दिक्कत-
आल इंडिया आर.आर.बी.ऑफिसर्स फेडरेशन की प्रदेश संयोजक महिला विंग शैलजा सिंह का कहना है कि जीरो बैलेंस अकाउंट केवल सरकारी बैंक में ही खुलते है, इससे गरीब तबके को सुविधा होती है। प्राइवेट बैंक में यह सुविधा नहीं है, वो वैसी सेवाएं भी नहीं दे पाएंगे। यदि निजीकरण हुआ तो गरीब जनता जैसे ठेले वाले इत्यादि को भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
17 दिसंबर को भी होगा प्रदर्शन-
केंद्र सरकार दो राष्ट्रीकृत बैंकों का निजीकरण करने पर विचार कर रही है, हालांकि उन दो बैंकों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं। इस फैसले के खिलाफ गुरुवार 16 दिसंबर व शुक्रवार 17 दिसंबर देश भर के 11 लाख कर्मचारी बैंक हड़ताल पर हैं। इनमें 9.34 लाख राष्ट्रीयकृत बैंक तो 1.66 लाख कर्मचारी ग्रामीण बैंक से जुड़े है।