
बाराबंकी. BJP MP Upendra Singh Rawat: जनपद बाराबंकी के हैदरगढ़ में तैनात सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता संजय गुप्ता ने जिले के बीजेपी सांसद उपेंद्र सिंह रावत की बात नहीं सुनी तो उन्हें गुस्सा आ गया। जिसके बाद उन्होंने सहायक अभियंता को फोन कर काम करने के लिये कहा। इस दौरान गुस्से में सांसद ने सहायक अभियंता को फटकार भी लगाई। जिस बातचीत का ऑडियो सहायक अभियंता ने सोशल मीडिया पर वायरल करके सांसद के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश की। जिसका खुलासा खुद सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने सबूतों के साथ किया है।
ग्रामीणों ने उठाया था पुल का मुद्दा
दरअसल बीते शनिवार को बाराबंकी जिले के विकासखंड त्रिवेदीगंज के दहिला में सड़कों का शिलान्यास करने बाराबंकी सांसद उपेंद्र सिंह रावत पहुंचे थे। सांसद उपेंद्र सिंह रावत से वहां के लोगों ने कांहीपुर जाने वाली सड़क पर जर्जर पुल का मुद्दा उठाया। सांसद द्वारा बार-बार चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण ना होने से सांसद को गुस्सा आ गया। इसके बाद वहीं से सांसद ने सहायक अभियंता से मोबाइल फोन पर बात करते हुए जमकर फटकार लगा दी। सांसद ने वह पत्र भी दिखाया, जिसे लिखकर सांसद ने सहायक अभियंता से पुल का इस्टीमेट बनाने का निर्देश दिया था।
सांसद ने लिखी थी कई बार चिट्ठी
आपको बता दें कि ग्रामीणों की समस्या को लेकर सांसद ने अधिशासी अभियंता को क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण के लिए कई बार चिट्ठी लिखी थी। लेकिन अधिशासी अभियंता ने सांसद की बात और चिट्ठी पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब क्षतिग्रस्त पुल के क्षेत्र में सांसद उपेंद्र सिंह रावत एक सड़क का शिलान्यास कर रहे थे, तो ग्रामीणों ने छतिग्रस्त पुल का मुद्दा उठा दिया। अधिशासी अभियंता द्वारा बात न सुनने पर सांसद को गुस्सा आ गया। सांसद ने वहीं से सहायक अभियंता को फोन किया और जमकर फटकार लगा दी। सांसद के फोन के बाद सहायक अभियंता ने बातचीत का पूरा ऑडियो वायरल कर दिया और साजिश के तहत अपने आप को खतरा बताते हुए दुर्घटना की आशंका जताई है। सहायक अभियंता ने अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर छुट्टी की मांगी की है।
सांसद पर लगाया आरोप
सांसद से बात करने के बाद सहायक अभियंता पंचम संजय गुप्ता ने अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर कहा है कि सांसद उपेंद्र रावत ने मोबाइल पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। सहायक अभियंता ने कहा कि सांसद की बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे साथ कोई भी दुर्घटना कराई जा सकती है। इसलिए जब तक शासन स्तर से सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक उनकी छुट्टी स्वीकृत कर दी जाए। सहायक अभियंता ने अधिशासी अभियंता को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि डीएम और अन्य विभागीय अधिकारियों को भी भेजी है।
सांसद ने बताई सच्चाई
वहीं सहायक अभियंता द्वारा लगाए जा रहे आरोप पर सांसद उपेंद्र सिंह रावत का कहना है कि त्रिवेदीगंज क्षेत्र में एक सड़क है काहुंपुर से मंझुपुर यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर हुई है। इस सड़क के शुरू होते साढ़े 3 किलोमीटर के बाद एक पुल है जो जर्जर है। नहर विभाग ने पुल के सामने दीवार बना कर आवागमन रोक दिया है। जब से यह सड़क मंजूर हुई है। तभी से बार-बार सहायक अभियंता को पुल निर्माण के लिए चिट्ठी लिखी जा रही है। लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुल न बनने पर 20 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क का जनता को लाभ नहीं मिल सकता। इसी को लेकर सहायक अभियंता से बात की गई थी।
अधिशाषी अभियंता ने भी कहा- एई ने एस्टीमेट नहीं दिया
वहीं विभाग के अधिशाषी अभियंता नवनीत कुमार का भी कहना है कि सड़क शिलान्यास कार्यक्रम हमारी नहर के बगल में था, इसलिए वह भी वहां गये थे। सांसद और विधायक ने पुल निर्माण की कार्ययोजना के बारे में पूछा, तो हमने बताया कि सहायक अभियंता संजय गुप्ता को लिखित और मौखिक तौर पर कहा गया, लेकिन उन्होंने अभी एस्टीमेट नहीं दिया है। सहायक अभियंता का कोई पत्र भी उन्हें नहीं मिला है। सांसद ने भी इस मामले में सहायक अभियंता को पत्र लिखा था। लेकिन फिर भी उन्होंने एस्टीमेट नहीं दिया।