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लखनऊ में तीन दिवसीय अखिल भारतीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी राजभाषा संगोष्ठी में हिंदी के प्रचार-प्रसार पर फोकस

लखनऊ. भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘भारत का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, लखनऊ द्वारा तीन दिवसीय अखिल भारतीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 16 से 18 नवंबर, 2021 के मध्य किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राजभाषा हिन्दी के अनुप्रयोगों को तकनीकी एवं वैज्ञानिक कार्यक्रमों बढ़ावा देने के साथ–साथ इन क्रिया कलापों का संक्षिप्त विवरण आम जन-मानस को उनकी दैनिक बोल-चाल की भाषा में साझा करना भी है। तीन दिवसीय संगोष्ठी मुख्य व्याख्यानों के साथ कुल 52 तकनीकी एवं वैज्ञानिक शोध पत्रों की प्रस्तुति की जाएगी। समानांतर सत्र में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विभिन्न राज्यों में स्थित कार्यालयों द्वारा राजभाषा के क्षेत्रों में किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. बी पी सिंह ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा आयोजित संगोष्ठी के सफलतम आयोजन के लिए बधाई दी। कहा कि एक प्रकार से राजभाषा हिन्दी द्वारा पूरा राष्ट्र एक माला में पिरोया हुआ है, उसी तरह से ऐसे आयोजन विविधता में एकता के भी प्रतीक है। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डा. संतोष कुमार, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, कुमाऊँ विश्वविध्यालय, नैनीताल ने तकनीकी एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों मे राजभाषा हिन्दी के महत्ता का उल्लेख करते हुए इस प्रकार के बहुआयामी कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।

दैनिक कामकाज में हिंदी प्रयोग पर जोर
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक राजेन्द्र सिंह गर्खाल ने राजभाषा हिन्दी के प्रसार–प्रचार में रत सभी तकनीकी एवं वैज्ञानिक अधिकारियों को बधाई दी। कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विगत 170 वर्षों के अपनी कालजयी यात्रा में देश के खनिज संसाधनों के संवर्धन में अपनी महती भूमिका के साथ-साथ राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग व प्रचार प्रसार में भी सतत प्रतिबद्ध रहा है। इस संगोष्ठी में प्रस्तुतियों की भाषा हिन्दी होने से विगत वर्षों में भूविज्ञान के क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों को आम जनमानस को समझने में सुविधा रहेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आग्रह किया किया कि न केवल सीमित आयोजनों के अवसर पर बल्कि अपने दैनिक कामकाज में भी राजभाषा हिन्दी का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत एवं के सपने को साकार करने की दिशा में अपना सराहनीय योगदान प्रदान करें।

ये रहे मौजूद
संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक राजेन्द्र सिंह गर्खाल ने की। मुख्य अतिथि डा. बीपी सिंह, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविध्यालय, वाराणसी व विशिष्ठ अतिथि डा. संतोष कुमार, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, कुमाऊँ विश्वविध्यालय, नैनीताल रहे। इस अवसर पर वर्षा अशोक अगलावे, उपमहानिदेशक एवं विभागाध्यक्ष, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, उत्तरी क्षेत्र द्वारा समस्त मंचासीन गणमान्य अतिथियों को पुष्प गुच्छों से स्वागत किया।